Karnataka: कर्नाटक सरकार 1 जुलाई से शुरू करेगी अन्‍ना भाग्‍य योजना, चावल की जगह मिलेंगे पैसे
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

बेंगलुरु: कर्नाटक की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार महिलाओं के लिए राज्‍य की सरकारी बसों में नि:शुल्‍क यात्रा की 'शक्ति योजना' को सफलतापूर्वक लागू करने के बाद अब 1 जुलाई से बीपीएल परिवारों के लिए 10 किलोग्राम मुफ्त चावल वाली 'अन्‍ना भाग्‍य योजना' शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने शुक्रवार को कहा कि अन्ना भाग्य योजना शनिवार से शुरू की जा रही है. सरकार लाभार्थियों के बैंक खातों में पैसे जमा कर देगी. उन्होंने कहा कि सरकार के पास 90 प्रतिशत बीपीएल लाभार्थियों के बैंक खातों का विवरण है. जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उन्हें अपना खाता बनवा लेना चाहिए. Karnataka Dal Rates: कर्नाटक में दालों के दाम में तेजी, सरकार ने लागू की भंडारण सीमा

उन्‍होंने कहा, "प्रत्येक सदस्य को 170 रुपये दिए जाएंगे. जब तक चावल उपलब्ध नहीं होगा, तब तक डीबीटी के माध्‍यम से पैसे दिए जाएंगे. जब भी चावल उपलब्ध होगा, दिया जाएगा. दक्षिण में रागी दी जाएगा और उत्तर में ज्वार दिया जाएगा, साथ में पांच किलोग्राम चावल भी दिया जाएगा. धनराशि उपलब्ध है और शनिवार से खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी.''

मुनियप्पा ने कहा, "दो किलो रागी/ज्वार और आठ किलो चावल वितरित किया जाएगा. प्रतिबद्धता के अनुसार योजना 1 जुलाई तक शुरू की जा रही है. अब, चावल की बजाय पैसा दिया जाएगा. केंद्र सरकार के पास चावल का भंडार है. अगर वह अपना मन बदलती है और चावल की आपूर्ति करती है तो लाभार्थियों को अनाज दिया जाएगा.”

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से अन्ना भाग्य योजना की घोषणा की थी. यह उसकी पांच गारंटियों में से एक है. इसके तहत कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार से मिलने वाले पांच किलोग्राम चावल समेत कुल 10 किलोग्राम चावल देने का वादा किया था.

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की कीमतों के अनुरूप राज्य को अपेक्षित मात्रा में चावल की आपूर्ति नहीं हो सकी है और पांच किलोग्राम चावल की जगह लाभार्थियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किये जा रहे हैं.

इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस का आरोप है कि एफसीआई के माध्यम से चावल की बिक्री से इनकार करके केंद्र सरकार गरीब लोगों के भोजन पर डाका डाल रही है, जबकि भाजपा कांग्रेस पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बिना तैयारी के योजना की घोषणा करने का आरोप लगा रही है.