Karnataka Hijab Row: कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ने छात्राओं के माता-पिता व सरकार से कहा, उन्हें समझाएं, उनका करियर बर्बाद न करें
डी.के. शिवकुमार (Photo Credits ANI)

Karnataka Hijab Row: कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार (D.K. Shivakumar) ने शनिवार को छात्राओं के माता-पिता और राज्य की भाजपा सरकार से हिजाब पर अदालत के फैसले के बारे में बच्चियों को समझाने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका करियर बर्बाद न हो. शिवकुमार हाल ही में हाईकोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण एसएसएलसी परीक्षा (कक्षा 10) में हिजाब पहनने से छात्राओं को रोकने के राज्य सरकार के फैसले पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

उन्होंने कहा, "बच्चियों की शिक्षा सर्वोपरि है. छात्राएं गलतियां कर सकती हैं. लेकिन इसके लिए उनके भविष्य को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए. माता-पिता को उनके साथ बैठकर बात करने की जरूरत है. कांग्रेस नेता ने कहा, "धार्मिक नेताओं, माता-पिता और शिक्षकों को पहले खुद को आश्वस्त करना चाहिए और फिर बच्चियों को समझाना चाहिए. बच्चे हमेशा अपने शिक्षक की बात सुनते हैं और मां उनकी पहली शिक्षक होती है. यह भी पढ़े: Karnataka Hijab Row: हिजाब शिक्षा जितना ही महत्वपूर्ण, हम इसके बिना कॉलेज नहीं जाएंगे- याचिकाकर्ता छात्राएं

दुपट्टा ओढ़ने की इजाजत देने की विपक्ष के नेता सिद्धारमैया की मांग के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, "कांग्रेस संविधान के साथ खड़ी है.हमारे लिए संविधान बाइबिल, कुरान या भगवद् गीता की तरह है.मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगा.

शिवकुमार ने कहा, "अदालत ने हिजाब पर अपना फैसला दिया है, जिस पर कुछ ने सहमति जताई है और कुछ ने नहीं. मैं यह कहने की स्थिति में नहीं हूं कि फैसला गलत है या नहीं. राज्य सरकार 28 मार्च से 11 अप्रैल तक एसएसएलसी परीक्षा आयोजित करेगी. इस शैक्षणिक वर्ष में 8,73,846 छात्रों ने परीक्षा के लिए नामांकन किया है.

परीक्षा राज्यभर के 3,444 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी. सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और परीक्षा स्थलों के आसपास निषेधाज्ञा लागू की जाएगी. कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। इसे इस्लाम धर्म में जरूरी नहीं माना.