Karnataka: कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने महात्मा गांधी के बेटे पर अपनी विवादित टिप्पणी का किया बचाव
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने गुरुवार को अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, "महात्मा गांधी एक अच्छे इंसान थे, लेकिन क्या उनका बेटा शराबी नहीं बन गया? मैंने केवल यह बताने के लिए यह बयान दिया कि बेटों को हमेशा उनके पिता के सभी अच्छे सिद्धांत विरासत में नहीं मिलते हैं."
बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के नवनियुक्त मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) को बदनाम करने के लिए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने गुरुवार को अपनी उस विवादित टिप्पणी का बचाव किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का बेटा शराबी बन गया. सिद्धारमैया ने कर्नाटक के 30वें मुख्यमंत्री के रूप में बसवराज बोम्मई की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बसवराज के पिता स्वर्गीय एसआर बोम्मई (SR Bommai), जो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (Janata Dal) के पूर्व नेता थे, अपनी समाजवादी विचारधारा के लिए जाने जाते थे. Karnataka New CM: कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे बसवराज बोम्मई, BJP ने राज्य की सौंपी कमान
सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा था, "यह नहीं कहा जा सकता कि मौजूदा मुख्यमंत्री बोम्मई को उनके पिता जैसा चरित्र मिलेगा."
सिद्धारमैया ने कहा था, "महात्मा गांधी जी के बेटे का क्या हुआ? महात्मा गांधी के बेटे होने के नाते, उन्होंने ट्रैक खो दिया. वह एक शराबी निकले. इसलिए यह संभावना नहीं है कि बेटों को अपने पिता के सभी गुण विरासत में मिलेंगे."
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने गुरुवार को अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, "महात्मा गांधी एक अच्छे इंसान थे, लेकिन क्या उनका बेटा शराबी नहीं बन गया? मैंने केवल यह बताने के लिए यह बयान दिया कि बेटों को हमेशा उनके पिता के सभी अच्छे सिद्धांत विरासत में नहीं मिलते हैं."
सिद्धारमैया की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए, बीजेपी की राज्य इकाई ने उनसे पूछा कि उनके बेटे और कांग्रेस विधायक यतीश सिद्धारमैया को उनके कितने गुण विरासत में मिले हैं?
बीजेपी ने कहा, "मीडिया ने खबर दी है कि आपका बड़ा बेटा राकेश शराबी था. यह भी बताया गया था कि उसने नशे की हालत में बड़ों को पीटा था. क्या इसका विश्लेषण पिता से प्राप्त गुणों के रूप में किया जा सकता है?"
बीजेपी ने कहा कि आम तौर पर, बच्चों को अपने माता-पिता से पुरानी बीमारियां विरासत में मिलने की संभावना होती है, जबकि शिष्टाचार, दक्षता और चरित्र अपने दम पर विकसित किया जाता है.