Kargil Vijay Diwas: टाइगर हिल के हीरो सतपाल सिंह ट्रैफिक पर रखते है पैनी नजर, अब पंजाब सरकार ने प्रमोट कर बनाया ASI
सीएम अमरिंदर सिंह ने तत्काल प्रभाव से सतपाल सिंह को हेड कांस्टेबल से असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट करने के आदेश दिया है. सतपाल सिंह ने टाइगर हिल की अहम लड़ाई में अपना बड़ा रोल निभाया था.
देश करगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगाठं मना रहा है. करगिल युद्ध के शूरमाओं को देश याद कर रहा है. इस बीच एक जवान ऐसा भी है जो करगिल युद्ध में वीर चक्र प्राप्त करने के बाद इस समय पंजाब के संगरूर में एक चौराहे पर हेड कांस्टेबल के रूप में ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं. कारगिल के इस हीरो को अब पंजाब सरकार ने प्रमोट करने का ऐलान किया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुतबिक सीएम अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) ने तत्काल प्रभाव से सतपाल सिंह (Satpal Singh) को हेड कांस्टेबल से असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) के पद पर प्रमोट करने के आदेश दिया है.
करगिल युद्ध के इस हीरो (सतपाल सिंह) ने टाइगर हिल की अहम लड़ाई में अपना बड़ा रोल निभाया था. टाइगर हिल को करगिल युद्ध की सबसे बड़ी लड़ाई माना गया है. इस चोटी पर फतेह हासिल करने के बाद ही भारतीय जवानों ने पाकिस्तान का सफाया किया था. सतपाल को उनके अदम्य साहस के लिए जंग के बाद वीर चक्र से भी नवाजा गया था.
बीस साल पहले करगिल युद्ध के समय सतपाल सिंह भारतीय सेना में बतौर सिपाही तैनात थे. उन्होंने टाइगर हिल पर पाकिस्तानी सेना के हमलों का मुकाबला करते पाकिस्तान की नॉर्दन लाइट इन्फैंट्री के कैप्टन करनाल शेर खान और अन्य तीन को मार गिराया था. जिसके बाद शेर खान को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च सम्मान निशात-ए-हैदर से सम्मानित किया था.
टाइगर हिल पर पाकिस्तान ने सात जुलाई 1999 को जब हमला किया. पाकिस्तान की ओर से चलाई गई गोलियों में चार गोलियां सतपाल सिंह को भी लगी थी. सतपाल ने भी अपनी लाइट मशीन गन से फायरिंग की थी. इसके बाद उन्होंने बाकी लड़ाई हाथ से लड़ी. इस बीच सतपाल ने पाकिस्तानी ऑफिसर को ढेर कर दिया. उन्हें पहले पाक ऑफिसर का नाम नहीं पता था. बाद में सतपाल को पता चला कि जिसे मारा है वह कैप्टन करनाल शेर खान है.
सतपाल का नाम ब्रिगेड कमांडर ने वीर चक्र के लिए भेजा. साल 2009 में उन्होंने सेना छोड़ दी और पंजाब पुलिस में भर्ती हो गए. सतपाल कहते हैं कि हो सकता है उन्होंने सेना छोड़ने का गलत निर्णय लिया था. सतपाल को एक्स-सर्विसमेन कोटा के तहत पुलिस में नौकरी मिली. सेना से रिटायर होने के बाद अब सतपाल सिंह पंजाब के संगरूर के भवानीगढ़ चौराहे पर बतौर हेडकांस्बेटल ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं.