Kanwar yatra 2022: 14 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा, ड्रोन से होगी निगरानी, हाइवे पर तैनात रहेंगे जवान
कावड़ यात्रा (Photo Credit : Twitter)

हरिद्वार, 8 जुलाई: कांवड़ मेले में सुरक्षा के मद्देनजर भीड़ वाले क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी की जाएगी. हरिद्वार पुलिस के पास चार ड्रोन हैं. वहीं अन्य जिलों से ड्रोन की मांग की जा रही है. जरूरत पड़ने पर ड्रोन को किराए पर भी लिया जाएगा. इसके साथ ही कांवड़ मेले के दौरान जिले में तथा हाईवे पर अर्धसैनिक बलों की छह कंपनियां तैनात की जाएंगी. Guru Purnima 2022: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा का पर्व? जानें इसका महत्व एवं इस दिन कितने शुभ योगों का निर्माण हो रहा है!

श्रावण मास की शिवरात्रि का कांवड़ मेला 14 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है. कांवड़ पटरी मार्ग पर पथ प्रकाश के साथ ही लाउड स्पीकर लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही मेला क्षेत्र व जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल, अर्धसैनिक बल व बम निरोधक दस्ते को तैनात किया जाएगा.

एसपी सिटी व कांवड़ मेले के नोडल अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि कांवड़ मेले में एक पुलिस अधीक्षक, 12 अपर पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधीक्षकों के साथ ही 67 थाना प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई है.

उन्होंने कहा, "कांवड़ मेले के दौरान क्षेत्र व जिन रास्तों से कांवड़िए गुजरेंगे, वहां ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी. इस बार कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए पुलिस फोर्स की संख्या भी बढ़ा दी गई है. बाहरी जिलों से भी फोर्स की मांग की गई है. इसके साथ ही अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाएगी."

सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस उपनिरीक्षक (330), महिला उपनिरीक्षक (80), मुख्य आरक्षी (190), (आरक्षी 2 हजार), महिला आरक्षी (326), यातायात निरीक्षक (5), यातायात उप निरीक्षक (12), यातायात मुख्य आरक्षी (40), यातायात आरक्षी (156), एलआईयू से 29 एसआई, हेड कांस्टेबल एलआईयू (15), महिला आरक्षी एलआई से 50 को तैनात किया जाएगा.

वहीं पीएसी की 15 कंपनी तैनात की जा रही हैं. इसके साथ ही फ्लड टीम की एक कंपनी की भी तैनाती की जा रही है. इसके अलावा एटीएस की एक गुलदार टीम, बीडीएस की छह टीम, स्वान के छह दल, पीआरडी के 500 व होमगार्ड के 1200 जवान तैनात किए जाएंगे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि फोर्स के तमाम जवानों के हरिद्वार पहुंचते ही ड्यूटी लगा दी जाएगी.

कांवड़ मेला की तैयारी जोरों पर है. प्रशासन की ओर से शिवमूर्ति से भीमगोड़ा बेरियर तक जीरो जोन लागू किया गया है. जीरो जोन के दायरे में जिला, मेला और महिला अस्पताल हैं. कांवड़ यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर मरीज और तीमारदारों को अस्पताल तक पहुंचने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ सकती है. ज्यादा परेशानी उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र के लोगों को होगी. हालांकि कांवड़ मेला और विभिन्न पर्व स्नान पर श्रद्धालुओं की भीड़ और इस क्षेत्र के लोगों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए करीब छह माह से उत्तरी हरिद्वार में 9.87 करोड़ की लागत से शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है.

ब्रिडकुल की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्य को पूरा होने में अभी साल डेढ़ साल और वक्त लगेगा. ऐसे में कांवड़ मेले के दौरान इस क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़नी तय है. समस्या से निजात दिलाने को जिम्मेदारों के पास ठोस जवाब नहीं है.

14 से 27 जुलाई तक चलने वाली कांवड़ यात्रा में इस साल करीब चार करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं.

बात स्वास्थ्य महकमे की तैयारियों की करें तो मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को हर की पौड़ी से नारसन बॉर्डर तक 17 मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए जा रहे हैं. जहां 'राउंड द क्लॉक' दो-दो डॉक्टर और एक-एक फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय की तैनाती का दावा किया जा रहा है, वहीं जरूरी दवाइयों के अलावा प्रत्येक अस्थायी अस्पताल के बाहर छोटी एंबुलेंस और एक-एक बाइक तैनात किए जाने की भी बात कही जा रही है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुमार खगेंद्र सिंह ने कहा, "कांवड़ यात्रा को देखते हुए हर की पौड़ी से नारसन बॉर्डर तक बनाए जा रहे 17 अस्थायी अस्पतालों में छह उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में होंगे. अस्थायी अस्पताल के बाहर बाइक दस्ता भी होगा, जो आपात स्थिति में गंभीर मरीजों को लेकर निकटवर्ती स्थायी अस्पताल पहुंचेंगे."

उन्होंने कहा, "इस क्षेत्र में कांवड़ यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर यदि उन्हें जिला, मेला या महिला अस्पताल की ओर से लाना संभव नहीं होगा तो ऐसे मरीजों को एम्स ऋषिकेश की ओर से भेजा जाएगा. उत्तरी हरिद्वार में करीब दस करोड़ की लागत से शहरी सीएचसी का निर्माण चल रहा है. हालांकि इसका लाभ क्षेत्रवासियों को आगामी कुंभ में ही मिल पाएगा."