कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में अगले आदेश तक कोई भी नेत्र जांच शिविर आयोजित करने पर रोक लगा दी है. एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कानपुर के आठ लोगों की आंखों की रोशनी चली जाने के कुछ दिनों बाद यह फैसला आया है. जिले के अस्पतालों को इस निर्णय की सूचना देते हुए एक नोटिस जारी किया गया है, साथ ही एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें लोगों को चिकित्सा प्रक्रियाओं के संदर्भ में सतर्क रहने के लिए कहा गया है. Uttar Pradesh: BJP सांसद हरीश द्विवेदी की कार से कुचलकर 9 साल के बच्चे की मौत, अज्ञात चालक पर मामला दर्ज.
सीएमओ डॉ आलोक रंजन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शहर के डॉक्टरों द्वारा किए गए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आठ मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाने की घटना की जांच पूरी होने तक जिले में कहीं भी आंखों की जांच के लिए शिविर नहीं लगाया जाना चाहिए. साथ ही भविष्य में नेत्र शिविर के आयोजकों को अतिरिक्त सीएमओ से अनुमति लेनी होगी.
इस बीच, सीएमओ ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को एक पत्र भेजने का फैसला किया है, जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज गुप्ता की डिग्री रद्द करने की सिफारिश की गई है, जिन्होंने एक निजी अस्पताल आराध्या में सर्जरी की थी. डॉ गुप्ता को नोटिस भी दिया गया है और तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. राज्य सरकार ने जिला प्रशासन से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को भी कहा है.