Kanjhawala Death Case: दिल्ली की अदालत ने पुलिस चार्जशीट का संज्ञान लिया, 18 को स्क्रूटनी होगी

दिल्ली की रोहिणी अदालत ने गुरुवार को कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर 7 आरोपियों के खिलाफ 800 पन्नों की चार्जशीट का संज्ञान लिया, जिसमें एक कार द्वारा कई किलोमीटर तक घसीटने के बाद एक 20 वर्षीय लड़की की मौत हो गई थी.

Kanjhawala Death Case (Photo: PTI)

नई दिल्ली, 13 अप्रैल: दिल्ली की रोहिणी अदालत ने गुरुवार को कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर 7 आरोपियों के खिलाफ 800 पन्नों की चार्जशीट का संज्ञान लिया, जिसमें एक कार द्वारा कई किलोमीटर तक घसीटने के बाद एक 20 वर्षीय लड़की की मौत हो गई थी. चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने मामले की जांच और मामले को 18 अप्रैल को सत्र न्यायालय में सुपुर्द करने के लिए सूचीबद्ध किया है. यह भी पढ़ें: Life Mission Case: केरल हाई कोर्ट ने लाइफ मिशन मामले में पूर्व मुख्य सचिव एम. शिवशंकर की जमानत याचिका खारिज की

आरोपी व्यक्ति 26 वर्षीय दीपक खन्ना, 25 वर्षीय अमित खन्ना, 27 वर्षीय कृष्ण, 26 वर्षीय मिथुन और मनोज मित्तल को पुलिस ने 2 जनवरी को गिरफ्तार किया था. अदालत ने दो अन्य सह-आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को पहले ही जमानत दे दी थी. अमित खन्ना और भारद्वाज पर भी मोटर वाहन अधिनियम के नियमों के अनुसार मामला दर्ज किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मित्तल पर हत्या का आरोप लगाया गया है.

बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने कहा था कि जांच के दौरान, सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था और इसके पूरा होने पर लगभग 120 गवाहों के साथ लगभग 800 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई थी. पुलिस ने कहा था कि जांच के दौरान जुटाई गई सामग्री और सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री रिकॉर्ड में आ गई।

इसमें कहा गया है कि सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने, सबूतों को मिटाने, अपराधी को शरण देने, सामान्य इरादे और लोक सेवक को किसी अन्य व्यक्ति की चोट के लिए अपनी कानूनी शक्ति का उपयोग करने के इरादे से झूठी सूचना देने के लिए मामला दर्ज किया गया था.

अमित खन्ना पर दिल्ली पुलिस द्वारा लापरवाह ड्राइविंग और अपने जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर चोट पहुंचाने के अतिरिक्त अपराधों का आरोप लगाया गया है. शुरुआत में, आईपीसी की धारा 279 और 304 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में, पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 जोड़ दी थी. 21 जनवरी को रोहिणी कोर्ट ने दीपक खन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. गौरतलब है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी की दरमियानी रात कंझावला इलाके में अंजलि की स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी थी और उसके शव को करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी.

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