Delhi Kanjhawala Accident: आरोपियों को 'बचाने की कोशिश' कर रहे 2 लोगों की तलाश में जुटी पुलिस

कंझावला घटना में आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाने की मांगों के बीच पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे यह सामने आए कि आरोपियों और अंजलि सिंह का पहले से कोई संपर्क था.

(Photo Credit : Twitter/@gppreet)

नयी दिल्ली, 5 जनवरी: दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उन दो लोगों की तलाश में जुटी है जिन पर कंझावला हादसे के आरोपियों को ‘‘ बचाने की कोशिश’’ करने का संदेह है. कंझावला घटना में आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाने की मांगों के बीच पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे यह सामने आए कि आरोपियों और अंजलि सिंह का पहले से कोई संपर्क था. इसने कहा कि हत्या का आरोप लगाने के वास्ते कत्ल की मंशा को साबित करने की जरूरत होती है. Kanjhawala Case: घसीटने के बाद लाश को बीच रास्ते में छोड़कर रोहिणी पहुंचे थे पांचों आरोपी, पुलिस को अब इन 2 लोगों की भी तलाश

विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 18 दल मामले की जांच कर रहे हैं और हर पहलू पर गौर किया जा रहा है. उन्होंने अंजलि के परिवार के इन दावों को भी खारिज किया कि उन्होंने उसकी 'दोस्त' निधि के बारे में कभी नहीं सुना था या उससे कभी मुलाकात नहीं की थी. हुड्डा ने कहा कि 29 से 31 दिसंबर के बीच अंजलि और निधि के बीच करीब 25 से 30 बार बातचीत हुयी थी.

निधि ने दावा किया था कि वह तब अंजलि के साथ थी जब बलेनो कार ने उनके दो पहिया वाहन को टक्कर मारी थी और अजंलि कार के पहिये में फंस गई थी और फिर उसकी मौत हो गई. अंजलि के परिवार ने बुधवार को निधि के दावे पर सवाल किया था. निधि डर की वजह से मौके से भाग गई थी और किसी को भी कुछ नहीं बताया था.

हुड्डा ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और कॉल डिटेल के रिकॉर्ड के आधार पर दो और लोगों की संलिप्तता सामने आई है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है. उन्होंने बताया कि इन दोनों लोगों की पहचान आशुतोष और अंकुश के तौर पर हुई है, जो कथित तौर पर आरोपियों को ‘‘बचाने की कोशिश’’ कर रहे थे. अधिकारी ने बताया कि मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.

उन्होंने बताया कि अंकुश, अमित का भाई है. अधिकारी ने बताया कि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है और उसने अंकुश को दुर्घटना के बारे में सूचित किया तो उसके भाई ने दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए राजी किया था कि वह दुर्घटना के दिन गाड़ी चला रहा था. दीपक ग्रामीण सेवा चलाता है.

उन्होंने कहा कि आशुतोष और अंकुश कार में नहीं थे. आशुतोष ने यह दावा करके पुलिस को गुमराह किया कि दीपक कार लेकर गया था, जबकि अमित कार लेकर गया था. हुड्डा ने कहा कि दीपक, अमित और अंकुश का रिश्ते का भाई है. जब आरोपी और पीड़िता के बीच किसी संबंध के बारे में सवाल किया गया, तो वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आरोपी और पीड़िता तथा आरोपी एवं चश्मदीदों के बीच कोई संबंध नहीं है. अब तक की जांच में यह बात सामने आई है.”

उन्होंने कहा, “आरोपियों को बृहस्पतिवार को अदालत में पेश किया जाएगा और हम उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने का अदालत से अनुरोध करेंगे." अधिकारी ने कहा कि सभी पांचों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. हुड्डा ने अदालत में मुकदमा लड़ने की बात करते हुए कहा कि एक सरकारी वकील की नियुक्ति की जा रही है.

पीसीआर वैन के आने में देरी और कॉल का जवाब नहीं देने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि आंतरिक जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, “ इसकी जांच की जाएगी कि यह मानवीय भूल थी या प्रणाली में कोई गड़बड़ी थी. जहां भीड़ ज्यादा होती है, वहां पुलिस की तैनाती ज्यादा होती है.” हुड्डा ने कहा कि घटना 31 दिसंबर तथा एक जनवरी की दरम्यानी रात 2.04 बजे से 2.06 बजे के बीच हुई, जबकि शव सुबह करीब 4.15 बजे मिला. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने मौके से एक जूता और एक कान की बाली बरामद की है. एफएसएल की टीम ने कार से खून के धब्बे और कपड़े के टुकड़े बरामद किए हैं.

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