कमलेश तिवारी हत्याकांड: बिजनौर के दो मौलानाओं पर केस दर्ज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में हिंदू समाज पार्टी के नेता और हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी की शुक्रवार को दिनदहाडे गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना से इलाकें में तनाव का माहौल है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हिंदू समाज पार्टी के नेता और हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) की शुक्रवार को दिनदहाडे गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना से इलाकें में तनाव का माहौल है. इस बीच कमलेश तिवारी की पत्नी किरण ने आरोप लगाया है कि उनके पति की हत्या के पीछे बिजनौर के मौलवी का हाथ है. जिसके बाद पुलिस ने दो मौलानाओं पर एफआईआर दर्ज कर लिया है. उधर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पूरे मामलें को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक कमलेश तिवारी हत्याकांड मामलें में लखनऊ पुलिस ने आज बिजनौर के दो मौलानाओं के खिलाफ पत्नी की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज किया है. कमलेश तिवारी की पत्नी ने शिकायत में कहा कि उनके पति को इन दोनों ने साल 2016 में जान से मारने की धमकी दी थी. फिलहाल किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है.
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पुलिस ने बताया कि भगवा रंग के कपड़े में आए दो हमलावर खुर्शेदबाग में तिवारी के आवास पर बने कार्यालय में गये और चाकू से पहले वार किया फिर गोली भी मारी. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों फरार हो गए. राज्य सरकार कमलेश तिवारी के परिजनों को सुरक्षा भी मुहैया करवाएगी.
यूपी के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि हत्यारे करीब 30 मिनट से अधिक समय तिवारी के साथ रहे. ऐसा लगता है कि किसी परिचित ने इसे अंजाम दिया है. सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से अहम सुराग हासिल हुए हैं और पुलिस मामले का जल्द ही खुलासा करेगी. हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं.
कुछ साल पहले तिवारी ने पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था.