श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी है. कठुआ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में दूसरे आतंकी को भी मार गिराया है. इससे पहले मंगलवार देर शाम एक आतंकी मारा गया था. इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए. यही नहीं आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, पाकिस्तान में बनी दवाएं और दर्द निवारक इंजेक्शन भी मिले हैं. इनके पास से पुलिस ने सूखा छेना और रोटियां भी बरामद की. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि ये आतंकवादी हीरानगर सेक्टर में कूटा मोड के पास सैदा सुखल गांव में छिपे हुए थे. J&K: आतंकियों ने घर-घर जाकर मांगा पानी और फिर कर दी फायरिंग, पढ़ें कठुआ हमले की पूरी कहानी.
आतंकियों के पास से मिली ये चीजें
कठुआ पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से 3 मैगजीन जिसमें 30 राउंड थे, 1 मैगजीन जिसमें 24 राउंड थे, अलग-अलग पॉलीथीन में 75 राउंड, 3 जिंदा ग्रेनेड, 1 लाख रुपये की करेंसी (500 रुपये के 200 नोट), खाने-पीने की चीजें (पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, सूखे चने और रोटियां), पाकिस्तान में बनी दवाइयां और इंजेक्शन (दर्द निवारक), 1 सिरिंज, A4 बैटरी के 2 पैक, एंटीना वाले टेप में लिपटा 1 हैंडसेट और इस हैंडसेट से लटके 2 तार, 1 M4 कार्बाइन और 1 एके 47 बरामद हुई.
देखें ये Video
#WATCH | Hiranagar-Kathua (J&K) attack | 3 magazines containing 30 rounds, 1 magazine having 24 rounds, 75 rounds in separate polythene, 3 live grenades, Rs 1 lakh currency (200 notes of Rs 500 denomination), eatables (Pakistan-made chocolates, dry chana and stale chapatis),… pic.twitter.com/Z7NAyQXNaU
— ANI (@ANI) June 12, 2024
बड़ी आतंकी घटना टली
हमले के वक्त मौजूद गांव में रहने वाले सुरिंदर ने कहा, ''मैंने गांव में आतंकवादियों के होने की सूचना फैला दी, जिस कारण एक बड़ी घटना टल गई. कई बच्चे खेल रहे थे और लोग बाहर घूम रहे थे. वे (आतंकवादी) आसानी से 15 से 20 लोगों को मार सकते थे, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। लोग शाम को सत्संग के लिए जा रहे थे. यह भयानक हो सकता था.''
अपनी मोटरसाइकिल से गांव लौट रहे सुरिंदर का सामना हथियारबंद आतंकियों से हुआ था. आतंकियों ने सुरंदिर से पानी मांगा, जिसके बाद उसे उनके व्यवहार पर शक हुआ. इसके बाद उसने गांव वालों को सचेत कर दिया.
सुरिंदर ने कहा, '' शाम के करीब साढ़े सात या पौने आठ बजे थे. मैं अपनी बाइक पर था कि तभी एक बच्चे ने मुझे गांव में दो हथियारबंद युवकों के बारे में बताया. मैंने उन्हें काले कपड़े पहने और एके राइफलों के साथ देखा. वे मुझे अपने पास बुला रहे थे. मुझे संदेह हुआ कि वे आतंकवादी हैं और मैंने गांव वालों को इसके बारे में बताया, जिसके बाद वे तुरंत अपने-अपने घर भाग गए. दुकानें बंद हो गईं और वाहनों की आवाजाही बंद हो गई.''
उन्होंने कहा, ''मेरे सचेत करने के कुछ ही पलों बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने कई गोलियां चलाईं, जिससे एक स्थानीय व्यक्ति के कंधे में चोट लग गई और उसके बाद एक धमाका हुआ.''
सुरिंदर ने कहा, ''अगर आतंकवादी दिन में आते तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी क्योंकि सुबह के वक्त भीड़भाड़ होती है. देर रात तीन बजे फिर से गोलीबारी हुई, जिसमें सीआरपीएफ का एक अधिकारी शहीद हो गया.''
गांव में डर का माहौल
इस आतंकी हमले से गांव वालों में डर का माहौल है. उनका मानना है कि आतंकवादियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सुरक्षा बाड़ को पार कर सुरंग के जरिए घुसपैठ की होगी. गांव में रहने वाले त्रिलोक चंद ने कहा, ''अब घुसपैठ का डर है. इस इलाके में लंबे समय से ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब है. सरकार को पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.''