झारखंड मॉब लिंचिंगः 15 साल पहले भीड़ ने नहीं की थी तबरेज अंसारी के पिता की हत्या, परिजन ने बताई पूरी सच्चाई
तबरेज अंसारी (Photo Credits: Twitter/Rahul Gandhi)

रांची: झारखंड (Jharkhand) में पिछले बुधवार को मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के शिकार हुए तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) के पिता को लेकर बड़ा खुलसा हुआ है. दरअसल पीड़ित परिवार ने उस दावे की पोल खोल दी है जिसमें कहा जा रहा था कि तबरेज के पिता की भी करीब 15 साल पहले हिंसक भीड़ ने हत्या कर दी थी.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए तबरेज अंसारी के चाचा मरसूद आलम ने कहा की मॉब लिंचिंग के दौरान तबरेज के पिता की जान नहीं गई थी. बल्कि उनकी हत्या दोस्तों ने ही कर दी थी. मरसूद आलम ने सभी दावों का खंडन करते हुए कहा कि दोस्तों के साथ विवाद के चलते 15 साल पहले तबरेज के पिता की हत्या हुई थी और हमें उनका शव एक हफ्ते बाद मिला था.

तबरेज अंसारी की मौत के बाद कुछ रिपोर्टों में आरोप लगाया गया था कि उसके पिता को भी कथित ऋण (कर्ज) विवाद के कारण मौत के घाट उतार दिया गया था. यह भी पढ़े- संसद में मॉब लिंचिंग पर बोले पीएम मोदी- झारखंड की घटना से दुखी हूं, दोषियों को सजा मिलनी चाहिए

24 साल के तबरेज अंसारी की 17 जून को बाइक चोरी करने के संदेह में झारखंड के सेराईकेला जिले के धतकीडीह गांव में भीड़ द्वारा बर्बरतापूर्वक पीटा गया. इसके कुछ दिनों बाद रविवार को एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, तबरेज उसके पास से एक चोरी की मोटरसाइकिल और कुछ अन्य चीजें बरामद की गई हैं.

यह मामला एक वीडियो के वायरल होने के बाद प्रकाश में आया. इस वीडियो में आरोपी, अंसारी को पीटते हुए दिख रहे हैं. इसके बाद तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने आरोप लगाया है कि जमशेदपुर से बाइक से लौटने के दौरान तबरेज को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. तबरेज को पेड़ से बाधा गया और निदर्यतापूर्वक पीटा गया और 'जय श्रीराम' बोलने के लिए मजबूर किया गया. पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी सहित ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया है. उधर प्रशासन ने दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया है.