रांची, 2 जुलाई : झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने 3 जुलाई को अपने आवास पर राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई है. झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर एवं सत्तारूढ़ गठबंधन के बड़े लीडर भी बैठक में मौजूद रहेंगे.
बताया जा रहा है कि इस दौरान राज्य में मौजूदा सरकार के स्वरूप और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम फैसले लिए जा सकते हैं. हेमंत सोरेन पांच महीने जेल में रहने के बाद 28 जून को जमानत पर रिहा हुए हैं. इसके बाद सत्तारूढ़ गठबंधन की यह पहली बड़ी बैठक है. विधायकों को भेजी गई सूचना में बताया गया है कि इसमें आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विचार-विमर्श होगा. यह भी पढ़ें: Punjab: BSF के जवानों की कार्रवाई, भारत में घुसने की कोशिश करे पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया
इसके पहले हेमंत सोरेन ने सीएम रहते हुए 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी के पहले गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की थी और अपनी गैरमौजूदगी में चंपई सोरेन को गठबंधन का नया नेता घोषित किया था. सभी ने उनके फैसले को एक मत से स्वीकार किया था. चंपई सोरेन ने भी पांच महीने के दौरान सरकार चलाते हुए हेमंत सोरेन के प्रति पूरी लॉयल्टी दिखाई है. वह जेल में बंद हेमंत सोरेन से मुलाकात कर लगातार दिशा निर्देश लेते रहे हैं. चंपई सोरेन कई मौकों पर खुद को हेमंत पार्ट-टू बता चुके हैं.
अब जबकि हेमंत सोरेन को नियमित जमानत मिल चुकी है, तब सवाल उठ रहा है कि क्या वह फिर से सीएम की कुर्सी संभालेंगे? 3 जुलाई को गठबंधन की बैठक में कुछ विधायक इस मुद्दे को उठा सकते हैं. हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तीन-चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव तक चंपई सोरेन को रिप्लेस करने की जोखिम हेमंत सोरेन शायद न उठाएं, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं और जनता में गलत संदेश जा सकता है. माना जा रहा है कि गठबंधन की बैठक में सरकार के मंत्रिमंडल में दो खाली बर्थ पर मंत्रियों की नियुक्ति, चुनाव के दौरान सीटों के तालमेल और चुनावी रणनीति पर बड़े फैसले के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत किया जाएगा.