श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के शोपियां में शुक्रवार को तीन स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) की हत्या के बाद सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. सेना ने हत्या करनेवाले आतंकियों को नेस्तनाबूद करने के लिए पुलवामा और शोपियां के करीब 8 गांवों में घेराबंदी की है.
जानकारी के मुताबिक सेना ने खुफिया इनपुट के बाद दक्षिण कश्मीर के दोनो जिलों में सर्च ऑपरेशन चलाया है. बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले आतंकी इन्हीं गांवों में छिपकर बैठे हुए हैं. गौरतलब हो कि हिजबुल मुजाहिद्दीन ने शोपियां जिले से गुरुवार रात को 3 पुलिसकर्मियों को पहले अगवा किया और बाद में गोली मारकर उनकी हत्या कर शव को सुनसान जगह पर फेक दिया.
पुलिस के मुताबिक आतंकियों ने एक पुलिसकर्मी के भाई सहित चार लोगों को गुरुवार रात शोपियां स्थित उनके घरों से अगवा किया. चारों को कापरान और बाटगुंड गांवों से अगवा किया गया था. दोनों गांव सेब के घने बगीचे से चारों ओर से घिरे हुए हैं. अपहृत चौथा व्यक्ति नागरिक था जिसे आतंकियों ने सुरक्षित छोड़ दिया था. स्थानीय समाचार एजेंसियों के अनुसार, हिजबुल ने अपहरण और हत्या की इस घटना की जिम्मेदारी ली.
यह भी पढ़े- जम्मू-कश्मीर: 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद 35 SPO के इस्तीफे की खबर, गृह मंत्रालय ने बताया- अफवाह
आतंकवादी लगातार पुलिसकर्मियों को, खासकर विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) को नौकरी छोड़ने के लिए कहते रहे हैं और ऐसा न करने पर परिणाम भुगतने की धमकी देते रहे हैं. एक हालिया बयान में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने तमाम एसपीओ से इस्तीफा देने और सबूत के तौर पर इस्तीफे की प्रति घर पर रखने के लिए कहा था.
जम्मू-कश्मीर के 22 जिलों में 36,000 एसपीओ हैं. प्रति माह मात्र 6,000 रुपये के पारिश्रमिक पर एसपीओ राज्य में आतंकवाद-रोधी अभियानों में लगे हुए हैं. उन्हें वर्दी दी जाती है, लेकिन अन्य पुलिसकर्मियों की तरह उन्हें हथियार नहीं दिए जाते.
वहीं बांदीपोरा जिले में सुरक्षाबलों ने पांच आतंकियों को मार गिराया है. राष्ट्रीय राइफल्स, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के विशेष अभियान समूह ने गुरुवार को आतंकवादियों पर दबिश बढ़ाने के लिए तलाशी अभियान चलाया था. छुपे हुए आतंकवादियों ने जिसके बाद समूह पर गोली चला दी थी. इसके बाद सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई थी.