श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव में सोमवार को प्रथम चरण के मतदान हो रहें हैं. आतंकी धमकियों और अलगाववादियों के बहिष्कार के बीच कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच 13 साल बाद घाटी में निकाय चुनाव करवाए जा रहे हैं. शुरूआती कुछ घंटों में घाटी में लोगों की बीच चुनाव का कुछ खासा उत्साह देखने को नहीं मिला. आतंकी हमलों और अलगाववादियों के खौफ से जनता चुनाव में मतदान से बच रही है, वहीं इस बीच कई लोगों ने अपनी हिम्मत का परिचय देते हुए मतदान में भाग लिया. पहले चरण में करीब एक दर्जन जिलों के 422 वार्डों में वोट डाले जा रहे हैं.
घाटी में आतंक के साये बीच शुरू हुए नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशियों में न तो जोश दिखा और न ही मतदाताओं में उत्साह. कश्मीर के लोगों के चेहरे का रंग एक बार फिर आतंकियों और अलगाववादियों के डर से फीका दिखा. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: घाटी में 13 साल बाद निकाय चुनाव, कई हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट बंद, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
Voting percentages in #JammuAndKashmir local body elections till 1 pm pic.twitter.com/xOga0GErKw
— ANI (@ANI) October 8, 2018
दोपहर 01 बजे तक अनंतनाग में 6.1 प्रतिशत, बड़गाम में 12 प्रतिशत, बांदीपुरा में 2.5 प्रतिशत, बारामुला में 3.7 प्रतिशत, कुपवाड़ा में 26.3 प्रतिशत, श्रीनगर में 5.1 प्रतिशत, लेह में 44.2 प्रतिशत, कारगिल में 73.6 प्रतिशत, जम्मू में 43.4 प्रतिशत, पुंछ में 63.5 प्रतिशत और राजौरी में 67.7 प्रतिशत मतदान हुआ है. उत्तर कश्मीर में मतदान की स्थिति कुछ बेहतर है.
घाटी में 40,800 महिलाओं सहित करीब 85,000 मतदाता पंजीकृत हैं. श्रीनगर नगरपालिका परिषद के तीन वार्ड में कुल 30,074 मतदाता पंजीकृत हैं जिनमें से सिर्फ 417 वोट देने आए हैं.