जैश-ऐ-मुहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर (Jaish-E-Muhammad) की अफगानिस्तान में तालिबानी (Afghanistan, Taliban Leaders) आकाओं से मुलाकात की खबरों के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां (Indian Army) चौकन्नी हो गई हैं. वहीं इस खबर के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir, Indian Army) की सभी सीमाओं पर सुरक्षा इंतजाम पहले से पुख्ता कर दिए हैं. इसके साथ ही कश्मीर के अंदर पर भी भारतीय सुरक्षाबलों ने मुस्तैदी बढ़ा दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुातबिक, भारतीय सुरक्षाधिकारियों को इस बात की पूरी आशंका है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुटों की ‘मदद’ के लिए तालिबान कश्मीर में घुसपैठ करेंगें.
वहीं कश्मीर के अंदर और खास तौर से पाकिस्तान से सटी हुई सीमाओं पर घुसपैठियों से निपटने के लिए किए जाने वाले प्रबंध पहले से पुख्ता कर दिए गए हैं. लेकिन एलओसी और अन्य रास्तों से होने वाली घुसपैठ चिंता का सबब बनी हुई है. वहीं राज्य के अंदर होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए पहले से भी कड़े इतंजाम कर दिए गए हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना के अधिकारी ने इस मामले में बताया कि एक ‘हमारे जवान के लिए आतंकी सिर्फ एक आतंकी ही होता है. फिर चाहे वो आतंकी जैश से संबंध रखने वाला हो या फिर तालिबान से. हम उसे मार गिराएंगें.’ उन्होंने कहा, अगर तालिबान के कदम कश्मीर की ओर मुढ़े तो एलओसी पर आने वाले दिनों में खूनी भिड़ंतों में इजाफा होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंबी और खतरनाक चलने वाली मुठभेड़ों में तालिबान से प्रशिक्षित आतंकी होते हैं या फिर कई बार अफगान मुजाहिदीन भी होते हैं. इनमें से कुछ मुट्ठीभर आतंकी कश्मीर में मौजूद हैं. ऐसी मुठभेड़ों के दौरान सुरक्षाबलों को भी कई बार काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.
ट्रेंन आतंकियों से निपटने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है वहीं एलओसी पर घुसपैठ रोधी तंत्र को पहले ही मजबूत किया जा चुका है. इस दौरान इन सीमाओं पर ड्रोनों से नजर रखी जा रही है. इसके साथ ही कश्मीर में बंकरों को मजबूती देने के साथ ही एक बार फिर सैन्य स्थानों के आसपास घूमने वाले संदिग्धों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.