जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने जम्मू नेशनल हाईवे ( Jammu-Srinagar National Highway ) को सप्ताह में दो दिन बंद रखने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उमर अब्दुल्ला अपने ट्वीटर हैंडल पर एक पोस्ट कर तस्वीर साझा किया है. जिसमें एक इंसान के हाथ पर मुहर लगा है और राजमार्ग का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने लिखा है कि 'क्या राजमार्ग का प्रयोग करने वालों के हाथों पर ऐसे ही मुहर लगेंगे. इसकी क्या वजह हो सकती है. क्या पेपर बचाने का इस तरह से मजाक उड़ना चाहिए, इस व्यवहार से नाराज हूं.'
वहीं उमर अब्दुल्ला रविवार व बुधवार को नागरिक यातायात पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ यहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए हैं. एनसी के अन्य वरिष्ठ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उमर अब्दुल्ला श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में स्थित नौगाम में राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए. हाथों में पोस्टर और बैनर लिए एनसी समर्थकों ने बुधवार और रविवार को नागरिक यातायात पर प्रतिबंध के खिलाफ नारेबाजी भी की.
A civilian granted permission to drive from home to office on the Kashmir highway. The highway magistrate stamp is only valid till next hand wash! It reminds me of a movie from Hitler's era. pic.twitter.com/x1n4rk4hXx
— Peerzada Ashiq (@peerashiq) April 10, 2019
बता दें कि राजमार्ग पर सुरक्षा बलों के काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने रविवार और बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरिक व सार्वजनिक परिवहन को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है. पुलवामा जिले में 14 फरवरी को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद हो जाने की घटना के बाद यह फैसला लिया गया है.
यह भी पढ़ें:- अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली के तिहाड़ जेल लाया गया, NIA करेगी पूछताछ
इन्हें मिलेगी छूट
मेडिकल एमर्जेसी, वकीलों, चिकित्सकों, पर्यटकों, सरकारी कर्मचारियों, स्कूली बसों और किसानों की आवाजाही पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा है कि प्रामाणिक नागरिक आवाजाही को इजाजत देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी चौराहों पर जिला अधिकारियों की तैनात कर दिया गया है.
Omar Abdullah on civilian movement restricted on Jammu-Srinagar National Highway 2 days a week: We have been requesting govt to rethink the move. Ban is unnecessary. Army itself said they don't want it & never asked for it. Ex-Army Chief General Malik said it is a foolish move. pic.twitter.com/ApOSOk4g7m
— ANI (@ANI) April 10, 2019
स्थानीय लोगों की है ये तर्क
सब्जियों, मटन जैसी अन्य खराब होने वाली वस्तुओं का कारोबार करने वाले स्थानीय व्यापारियों का तर्क है कि रविवार और बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिबंध के कारण बाजारों में सामान्य व्यापार करने में असमर्थ रहने से उनका माल भंडार में रखे-रखे खराब हो जाता है. (एजेंसी इनपुट )