टेरर फंडिंग केस में NIA ने किया बड़ा खुलासा: कश्मीर में हिंसा के लिए पाकिस्तान से हवाला के जरिए आता है पैसा, अलगाववादी नेता भी शामिल
सैयद शाह गिलानी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के आतंकी फंडिंग मामले (Terror Funding Case) की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को कई अहम खुलासे किए है. एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि घाटी में दहशत के लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से हवाला के जरिए पैसा भेजा जाता है. इसमें अलगाववादी नेताओं की भी मिलीभगत होती है.

एनआईए ने कहा कि आतंकी फंडिंग मामले में जेल में बंद मसरत आलम (Masarat Alam) ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि पाकिस्तान में बैठे एजेंट पैसे इकट्ठा करके हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से पैसे भारत भेजते हैं, जो कि घाटी में बैठे अलगाववादी नेताओं को ट्रांसफर किया जाता है. मसरत ने कट्टवादी हुर्रियत नेता सैयद शाह गिलानी सहित कई अलगाववादी नेताओं का भी नाम लिया है.

आपको बता दें कि मुस्लिम लीग नेता मसरत आलम कश्मीर में पत्थरबाजों का पोस्टर ब्वॉय कहा जाता है. वह कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है. सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व्यक्तिगत रूप से इस मामलें की निगरानी कर रहे हैं.

एनआईए के मुताबिक अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी (Asiya Andrabi) ने स्वीकार किया है कि वह विदेशी स्रोतों से दान व धन जुटा रही थी और उसका संगठन दुखतारन-ए-मिल्लत घाटी में मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन का आयोजन कर रहा था. एनआईए ने कहा, "अंद्राबी का मलेशिया में उसके बेटे के 2011 के बाद शैक्षिक खर्चो के लिए फंड विदेशी प्रेषण के जरिए जहूर (अहमद शाह) वटाली द्वारा किए जाने से सामना कराया गया."

गौरतलब हो कि दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कश्मीरी अलगाववादी नेताओं- शब्बीर शाह, मसरत आलम भट व आसिया अंद्राबी को आतंकी फंडिंग मामले में 12 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. शाह, भट व अंद्राबी को आतंकी फंडिंग मामले के संबंध में 4 जून को गिरफ्तार किया गया था.

आतंकी फंडिंग मामले को एनआईए ने कश्मीर घाटी में हिंसा भड़कने के बाद मई 2017 में दर्ज किया. एजेंसी ने अब तक कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है. इसमें आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, रजा मेहराजुद्दीन कलवल व बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्लाह शामिल हैं.