जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के कंगन गांव में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के शीर्ष कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ फौजी बेई सहित तीन आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि फौजी बेई पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला था और एक आईईडी विशेषज्ञ था. वह 2017 से कश्मीर में आंतकी गतिविधियों में सक्रिय था. उन्होंने कहा, "इस साल हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद उसका मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए दूसरी सबसे बड़ी सफलता है."
अधिकारी ने कहा कि बेई अफगानिस्तान युद्ध में भी शामिल था, लेकिन यह सत्यापित नहीं किया जा सका है कि वह जैश प्रमुख आतंकी मौलाना मसूद अजहर का भतीजा था. उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोट कर 40 जवानों को शहीद करने के दौरान भी वह एक सक्रिय आतंकवादी था, लेकिन उस समय उसका कद इतना बड़ा नहीं था.
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उन्होंने कहा, "28 मई को दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक कार का समय पर पता लगाया और उसमें रखे बम को डिफ्यूज कर दिया. इसका मास्टरमाइंड भी फौजी बेई था." इससे पहले, क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में मिले एक विशेष खुफिया इनपुट पर सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने गांव की घेराबंदी की. इसके बाद जिस घर में आतंकी छिपे थे, उन्होंने वहां से सुरक्षाबलों के पास आते ही गोलीबारी शुरू तक दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई.
यह दो दिनों में क्षेत्र में हुई मुठभेड़ की दूसरी घटना है. दो जून को पुलवामा के त्राल इलाके में दो जैश के आंतकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. पुलिस ने कहा था कि मारे गए दोनों आतंकवादी कश्मीरी थे.