बेंगलुरु: चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग के दौरान इसके काउंटडाउन को आवाज देने वाली इसरो (ISRO) साइंटिस्ट एन वलारमथी (N Valarmathi) का निधन हो गया है. महिला वैज्ञानिक की कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत हो गई. वलारमथी ने रविवार शाम को आखिरी सांस ली. इसरो के रॉकेट काउंटडाउन लॉन्च के पीछे की वह प्रतिष्ठित आवाज जिसे आप हर लॉन्च मिशन में सुनते थे अब थम गई है. इसरो वैज्ञानिक एन वलारमथी का 64 वर्ष की आयु में चेन्नई में निधन हो गया. ISRO Future Missions: अक्टूबर में होगा गगनयान का ट्रायल, चंद्रयान-4 का ऐलान.
14 जुलाई को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के काउंटडाउन को वलारमथी ने अपनी आखिरी आवाज दी थी. चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग के समय जिस काउंट डाउन को पूरा देश सुन रहा था वह घोषणा भी उन्होंने ही की थी. चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. सोशल मीडिया पर यूजर्स दिवंगत वैज्ञानिक एन वलारमथी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. देश उनकी आवाज को याद कर रहा है.
स्लीप मोड में रोवर प्रज्ञान
चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में चला गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी. इससे कुछ घंटे पहले, इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा.
पूरे देश को उम्मीद
चांद की सतह पर घूम रहा रोवर स्लीप मोड (Rover Sleep Mode) में जा चुका है. दरअसल, अब चांद पर रात हो चुकी है, इसलिए रोवर ने काम बंद कर दिया है और स्लीप मोड में चला गया है. जैसे ही फिर से चांद के दक्षिणी धुव्र पर सूरज उगेगा, उम्मीद है कि रोवर स्लीप मोड से बाहर आकर फिर से अपना काम शुरू कर देगा.
ISRO ने बताया कि वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सोलर पैनल को अब अगली बार सूरज की रोशनी 22 सितंबर 2023 को मिलने की उम्मीद है. रिसीवर को चालू रखा गया है. उम्मीद है कि आगे के कामों के लिए यह सफलतापूर्वक जागेगा. वरना यह हमेशा के लिए वहीं पर भारत के लूनर अंबेसडर की तरह रहेगा.'