नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के एक गिरफ्तार आतंकी (Terrorist) अली बाबर (19), जिसे 26 सितंबर को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के उरी सेक्टर से भारतीय सेना (Indian Army) ने दबोचा था, ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में घुसने के लिए सहायता प्रदान कर रही है. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार, बाबर ने गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों के सामने स्वीकार किया कि आईएसआई के सक्रिय समर्थन से घुसपैठ के और प्रयास किए जाएंगे, क्योंकि 200 से अधिक आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में विभिन्न 'लॉन्च पैड' पर इंतजार कर रहे हैं. वे आतंकी दिसंबर में भारी बर्फबारी शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर में धकेल दिए जाएंगे. Karnataka: NIA ने ISIS के एक और आतंकी को भर्ती साजिश मामले में किया गिरफ्तार
उसने बताया है कि पाकिस्तानी सेना भी पीओके में लॉन्च पैड पर आतंकवादियों की मदद कर रही है. 26 सितंबर को उरी सेक्टर में भारतीय सेना के एक ऑपरेशन के बाद बाबर को पकड़ लिया गया था. पूछताछ में बाबर ने खुलासा किया है कि वह 18 सितंबर को पांच अन्य आतंकियों के साथ जम्मू-कश्मीर में घुसा था.
एनआईए के अधिकारी बाबर से और अधिक जानकारी एकत्र करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे कि उसने किन रास्तों का इस्तेमाल किया और हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने के लिए उसने स्थानीय संपर्क कहां पर साधा आदि.
खुफिया एजेंसियों ने भी चेतावनी दी है कि अगले कुछ हफ्तों में सीमा पार से घुसपैठ बढ़ सकती है, क्योंकि सीमा पार बैठे आतंकी चाहते हैं कि वह घाटी में भारी बर्फबारी शुरू होने से पहले भारतीय सीमा में प्रवेश कर लें.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अपनी गश्त तेज कर दी है, जबकि आतंकवादी निगरानी समूह (टीएमजी) में शामिल केंद्रीय खुफिया एजेंसी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के अधिकारी लगातार सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस भिंबर के सीमावर्ती इलाकों पर नजर रख रही है, जिसका इस्तेमाल हाल के दिनों में आतंकवादियों द्वारा किया गया है.
अधिकारियों ने यह भी कहा कि आईएसआई जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को लेकर समन्वित प्रयास करने के लिए आतंकी समूहों के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने घुसपैठ के लिए आठ नए मार्गों की पहचान की है, जिसका खुलासा भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा आईएसआई और आतंकवादी आकाओं के बीच इंटरसेप्टेड चैट को डिकोड करने के बाद किया गया है.
अधिकारियों ने यह भी कहा कि मुजफ्फराबाद के चेलाबंदी में लश्कर-ए-तैयबा के नए कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अल-बद्र के आकाओं ने भाग लिया, जिसमें उन्हें स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि भारतीय क्षेत्र में आतंकियों को धकेलने का काम दिसंबर से पहले खत्म कर लिया जाना चाहिए.
सुरक्षा बलों के सूत्रों ने कहा कि सभी नए पहचाने गए मार्गो - नाली, कोटकोटेरा, निकेल, बंटल, गोई, तारकुंडी डबासी और कुइरेट्टा - जो पीओके में स्थित हैं, से जम्मू-कश्मीर में एलओसी तक पहुंचने के लिए आतंकी जंगलों से गुजरते हैं.