तेजस एक्सप्रेस अगर हुई लेट, तो आईआरसीटीसी यात्रियों को देगी इतने रुपए का मुआवजा
देश में निजी कंपनियों द्वारा संचालित पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस लखनऊ और दिल्ली के बीच शनिवार यानि पांच अक्टूबर से शुरू हो रही है. इस रूट पर तेजस मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में सभी दिन चलेगी.
नई दिल्ली: देश में निजी कंपनियों द्वारा संचालित पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) लखनऊ और दिल्ली के बीच शनिवार यानि पांच अक्टूबर से शुरू हो रही है. इस रूट पर तेजस मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में सभी दिन चलेगी. आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम) ने दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस के यात्रियों को ट्रेन के विलंब होने पर मुआवजा देने का ऐलान किया है.
रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी ने मंगलवार को अपनी पहली ट्रेन की शुरुआत से पहले कहा कि तेजस एक्सप्रेस के एक घंटे से अधिक का विलंब होने पर 100 रुपये की राशि अदा की जाएगी जबकि दो घंटे से अधिक की देरी होने पर 250 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही यात्रियों को 25 लाख रुपए का मुफ्त बीमा भी दिया जाएगा. हालांकि स्पष्ट नहीं है कि आईआरसीटीसी मुआवजे की राशि कैसे बांटेगा.
वहीं यात्रा के दौरान लूटपाट या सामान चोरी होने की स्थिति में भी एक लाख रुपए के मुआवजे की व्यवस्था है. ट्रेन में सफर कर रहे लोगों के लिए इस तरह की यह पहली व्यवस्था होगी. ट्रेन को चार अक्टूबर को हरी झंडी दिखाई जाएगी. इसका पहला व्यावसायिक परिचालन पांच अक्टूबर को होगा.
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इसमें लखनऊ से नयी दिल्ली तक की यात्रा के लिए एसी चेयरकार का किराया 1125 रुपये और एक्जिक्यूटिव चेयरकार के लिए 2310 रुपये होगा. इसी तरह नयी दिल्ली से लखनऊ का एसी चेयरकार का यात्री किराया 1280 रुपये और एक्जिक्यूटिव चेयरकार का किराया 2450 रुपये होगा.
उल्लेखनीय है की कई देशों में ट्रेन में देरी होने पर यात्रियों को आर्थिक या इस तरह का मुआवजा देने की व्यवस्था है. जापान जैसे देशों में और पेरिस जैसे शहरों में रेलवे कंपनियां यात्रियों को साक्ष्य के रूप में विलंब प्रमाणपत्र देती हैं. इस प्रमाणपत्र को ट्रेन के देरी से पहुंचने के कारण विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में देरी से पहुंचने पर दिखाया जा सकता है. पांच मिनट की देरी होने पर भी प्रमाणपत्र जारी किया जाता है. ब्रिटेन में रेल यात्रियों को विलंब होने पर स्वत: ही मुआवजा मिल जाता हें.