भारतीय रेल को मिला सबसे तेज रफ्तार वाला एयरो डायनेमिक इंजन, खूबी जानकर हैरान रह जाएंगे आप
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit-Facebook)

नई दिल्ली: रेल यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है. एक नए आधुनिक इंजन से अब आपकी यात्रा का समय कम होने वाला है. विज्ञान की आधुनिक तकनीक का दम-खम अब पटरियों पर दिखेगा. जिससे आपकी यात्रा का समय कम होगा और आप अपने गंतव्य तक और जल्दी पहुंच जाएंगे. चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) ने भारतीय रेल को अब तक का सबसे तेज इंजन दिया है. यह देश का पहला स्वदेशी एयरोडायनेमिक रेल इंजन है. यह रेल इंजन 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पटरी पर दौड़ेगा.

इस अद्भुद रेल इंजन के साथ चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. यह इंजन खुद में कई खूबियां समेटे हुए है. इंजन में सबसे खास इसकी विशेष प्रकार की बनावट है. इस इंजन का सामने का हिस्सा अन्य इंजनों की तुलना में अधिक नोंकदार है, यह इंजान की रफ्तार को बढ़ता है और हवा के असर को कम करता है.

तेज स्पीड और कम वाइब्रेशन वाला है यह इंजन 

मिली जानकारी के अनुसार इस इंजन को इस तरह तैयार किया गया है कि 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर भी अधिक वाइब्रेशन न हो और यह स्टेबल भी रहे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहला इंजन गाजियाबाद भेजा गया है. राजधानी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में इसे इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है. यह भी पढ़ें- ट्रेन में सफर दौरान अगर बिगड़ी तबियत, तो ऐसे तुरंत पा सकते है मेडिकल हेल्प

यह इंजन अब तक की सबसे तेज गति वाला इंजन है. 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पटरी पर दौड़ेगा. बता दें कि वर्तमान में देश में सबसे तेज रफ्तार ट्रेन गतिमान है जिसकी अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटा है. WAP 5 मोडिफाइड इस इंजन में ड्राइवर के कंफर्ट और सेफ्टी का भी ख्याल रखा गया है.

जानिए क्या है इस इंजन की विशेष खूबियां

इस इंजन में ऑनबोर्ड ड्राइविंग डेटा रिकॉर्डिग और विश्लेषण के लिए क्रू वॉयर और वीडियो रिकॉर्डिग सिस्टम (सीवीवीआरएस) लगाया गया है. साथ ही इंजन के अंदर आधा दर्जन कैमरे लगे हैं. बाहर भी चार कैमरे लगे हैं. अंदर वाले कैमरे से चालक, मोटर सेक्शन, मशीन की गड़बड़ी या शॉर्ट सर्किट पर नजर रख सकेंगे. इसके अलावा इंजन के बाहर लगे कैमरे बाहर के दृश्य को रिकॉर्ड करेंगे. इस इंजन के बाहर लगे कैमरे दूर तक देख सकेंगे और चालक को इसकी जानकारी देंगे.

इसके अलावा इंजन कॉकपिट में आवाज रिकॉर्डिंग की सुविधा भी है, जो ड्राइविंग टीम के बीच होने वाली बातचीत को रिकॉर्ड करेगा. ये रिकॉर्डिंग करीब 90 दिन तक सुरक्षित रहेगी, जिससे आपातकालीन स्थिति और दुर्घटना के वक्त प्रयोग में लाया जा सकता है. यह तकनीक उन मामलों में कारगार साबित होगी जब दुर्घटना के बाद यह पता लगाना हो कि आखिर हादसा किस कारण से हुआ है.