लखनऊ: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दो बड़े भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद आईआईटी कानपुर के एक भूकंप विशेषज्ञ ने भविष्यवाणी की है कि निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में भूकंप के झटके और अधिक तीव्र होने की संभावना है. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के 2 झटके महसूस किए गए, जिसका केंद्र नेपाल था. पहले भूकंप 5.3 तीव्रता का था, तो वहीं दूसरा 6.2 तीव्रता का था. यूपी में इसकी तीव्रता 5.5 रही. आईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक का दावा है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में इससे भी तेज भूकंप के झटके महसूस किए जाएंगे. एक घंटे में 4 बार भूकंप से दहला नेपाल, दिल्ली NCR समते पूरे उत्तर भारत की धरती हिली.
भूकंप विशेषज्ञ ने कहा कि आने वाले बड़े भूकंप के लिए हम सभी को तैयार रहना चाहिए. इसके साथ उत्तराखंड भी भूकंप क्षेत्र में आता है, इसलिए वहां पर भी भूकंप आने की आशंका है. उच्च तीव्रता वाले भूकंपों के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील शहरों के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में, प्रोफेसर मलिक ने कहा, "गंगा के किनारे स्थित शहर भूकंप का खामियाजा भुगतेंगे." उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में भूकंप हाईरिस्क जोन पर है, जिसमें 61 जिले खास तौर पर सबसे ज्यादा खतरे में है.
गंगा किनारे बसे शहरों को खतरा
आईटी प्रोफेसर का कहना है कि भूकंप का जो केंद्र बिंदु होगा वह तो प्रभावित होगा ही, इसके अलावा जो शहर गंगा के किनारे बसे हैं उन क्षेत्रों में भूकंप का असर अधिक देखने को मिलेगा, क्योंकि जो रेतीला क्षेत्र है वहां पर भूकंप के झटके लगने के बाद बिल्डिंग को ज्यादा नुकसान पहुंचता है, क्योंकि जब भी भूकंप आता है तो रेत हमेशा नीचे से और खिसकती है, तो बिल्डिंग का ढांचा भी पूरी तरीके से हिल जाता है. इस कारण रेत क्षेत्र भूकंप से ज्यादा प्रभावित होंगे. खास तौर पर ऊंची बिल्डिंग, उन्हें ज्यादा नुकसान होगा.
प्रोफेसर मलिक ने भूकंप की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि गंगा के किनारे के शहरी केंद्रों में भविष्य में अधिक शक्तिशाली झटके महसूस होने की संभावना है. उन्होंने आगे कहा कि भूकंप के ऐतिहासिक पैटर्न से पता चलता है कि निकट भविष्य में एक मजबूत भूकंप आने की संभावना है. भूकंपीय घटनाओं के इतिहास के आधार पर, बहुत संभावना है कि जल्द ही एक मजबूत भूकंप आने वाला है जिसके लिए तैयार रहना जरूरी है.