लॉकडाउन के दौरान आपने भरी EMI? जानिए कैसे, आप भी हो गए हैं बैंक से कैशबैक पाने के पात्र
रुपया (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: यदि आपने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अपनी ईएमआई (EMI) किस्तों को भरा है, तो आप अपने बैंक से कैशबैक (Cashback) हासिल करने के पात्र हो सकते हैं. शुक्रवार को केंद्र सरकार ने कर्जदारों को बड़ी राहत दी और दिवाली गिफ्ट के तौर पर दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज-राहत देने का ऐलान किया. केंद्र सरकार ने यह राहत सभी कर्जदारों को दी है, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की मोहलत (मोरेटोरियम) का विकल्प चुना हो या नहीं. मोदी सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है. अब इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को फटाफट मिलेगी सब्सिडी

सुप्रीम कोर्ट ने ब्याज राहत लागू करने का निर्देश दिये जाने के बाद वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस योजना को लागू करने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए. मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार विनिर्दिष्ट ऋण खातों पर एक मार्च से 31 अगस्त 2020 की अवधि के लिये ब्याज राहत का लाभ दिया जाएगा. इसमें कहा गया, ‘‘जिन कर्जदारों के ऋण खाते की मंजूर सीमा या कुल बकाया राशि 29 फरवरी तक दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं थी, वे इस योजना के लाभ के पात्र होंगे.’’

दिशानिर्देश की शर्तों के अनुसार, 29 फरवरी तक इन खातों का मानक होना अनिवार्य है. मानक खाता उन खाताओं को कहा जाता है, जिन्हें गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) नहीं घोषित किया गया हो. इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड का बकाया, वाहन ऋण, एमएसएमई ऋण, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद ऋण और उपभोग ऋण लेने वाले कर्जदारों को लाभ मिलेगा.

योजना के तहत, कर्ज देने वाले संस्थानों को योजना की अवधि के लिये पात्र कर्जदारों के संबंधित खातों में संचयी ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर की राशि जमा करनी होगी. योजना में कहा गया है कि कर्जदार ने रिजर्व बैंक के द्वारा 27 मार्च 2020 को घोषित किस्त भुगतान से छूट योजना का पूर्णत: या अंशत: लाभ ल्रने का विकल्प चुना हो यह नहीं, उसे ब्याज राहत का पात्र माना जायेगा.

कर्ज राहत योजना का लाभ उन कर्जधारकों को भी मिलेगा, जो नियमित किस्तों का भुगतान करते रहे. कर्ज देने वाले संस्थान इस योजना में दी गयी छूट के तहत संबंधित कर्जधारक के खाते में अपनी ओर से धन जमा करने के बाद केंद्र सरकार से उसके बराबर की राशि पाने के लिये दावा करेंगे.

शीर्ष अदालत ने 14 अक्टूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक की किस्तों के भुगतान से छूट की योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने के बारे में यथाशीघ्र निर्णय ले. कोर्ट ने कहा था कि आम लोगों की दिवाली अब सरकार के हाथों में है. (एजेंसी इनपुट के साथ)