
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने UP पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2024 के लिए 60,244 पदों पर हुई परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. अभ्यर्थी अपना रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर जाकर देख सकते हैं.
सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस भर्ती को लेकर कुछ भ्रामक दावे किए जा रहे हैं. कुछ लोग अभ्यर्थियों के सरनेम (टाइटल) के आधार पर उनकी जाति पर सवाल उठा रहे हैं और गलतफहमी फैला रहे हैं. इस पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने सफाई देते हुए कहा है कि किसी भी उम्मीदवार को सिर्फ उनके सरनेम के आधार पर सफल या असफल घोषित नहीं किया जाता.
सोशल मीडिया में कतिपय अभ्यर्थियों के सरनेम या टाइटल के आधार पर उनकी जातियों आदि पर भ्रामक टिप्पणियां की जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड इस संबंध में यह स्पष्ट करता है कि सरनेम या टाइटल के आधार पर किसी अभ्यर्थी को सफल/असफल घोषित नहीं किया जाता है।…
— Uttar Pradesh Police Recruitment & Promotion Board (@upprpb) March 16, 2025
बोर्ड ने स्पष्ट किया कि हर अभ्यर्थी के जाति प्रमाण पत्र की जांच की जाती है. यह जांच डीवी बोर्ड (डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन बोर्ड) करता है, जिसमें उपजिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल होते हैं. जब तक प्रमाण पत्र की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक किसी भी अभ्यर्थी को चयनित नहीं किया जाता.
बोर्ड ने उदाहरण देते हुए बताया कि पंकज पांडे की जाति "गोसाई" और शिवानी उपाध्याय की जाति "जोगी" है. ये दोनों जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आती हैं. इसके अलावा, अंतिम नियुक्ति से पहले पुलिस अधीक्षक स्तर पर एक और सत्यापन किया जाता है, ताकि किसी भी तरह की गलती की संभावना न रहे.
पुलिस भर्ती बोर्ड ने लोगों से अपील की है कि वे बिना तथ्यों की पुष्टि किए सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाएं. अगर किसी के पास किसी अभ्यर्थी की जाति को लेकर कोई प्रमाणिक जानकारी है, तो वह इसे बोर्ड के आधिकारिक ईमेल sampark@uppbpb.gov.in पर भेज सकता है.
बोर्ड ने चेतावनी दी कि बिना तथ्यों के गलत बातें फैलाना कानूनन अपराध है और इस पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. इसलिए ऐसी अफवाहों से बचें और सही जानकारी ही साझा करें.