Sovereign Gold Bond Scheme: गोल्ड में निवेश का सुनहरा मौका, हर साल इतना मिलेगा ब्याज- यहां जानें डिटेल्स

क्या आप गोल्ड में निवेश करने की सोच रहे है? तो केंद्र सरकार के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश कर अच्छी कमाई करने का शानदार मौका आया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2021-22 की नई सीरीज (Series V) 9 अगस्त से 13 अगस्त 2021 के लिए खोला जाएगा. इस खरीद अवधि के दौरान बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,790 रुपये प्रति ग्राम होगा. जबकि 17 अगस्त को बांड जारी किये जायेंगे.

सोना (Photo Credits: pixabay)

Sovereign Gold Bond Scheme Details: क्या आप गोल्ड में निवेश करने की सोच रहे है? तो केंद्र सरकार के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश कर अच्छी कमाई करने का शानदार मौका आया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2021-22 की नई सीरीज (Series V) 9 अगस्त से 13 अगस्त 2021 के लिए खोला जाएगा. इस खरीद अवधि के दौरान बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,790 रुपये प्रति ग्राम होगा. जबकि 17 अगस्त को बांड जारी किये जायेंगे. सोने की हॉलमार्किंग के लिए सोना व्यपारी तैयार लेकिन छोटे व्यपारियों और जौहरियों को करना पड़ रहा कई दिक्कतों का सामना

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श से उन निवेशकों को निर्गम मूल्य पर 50 रुपये प्रति ग्राम छूट देने का फैसला लिया है, जो ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करेंगे. ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,740 रुपये प्रति ग्राम होगा.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम?

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम सरकार ने 2015 में शुरू की थी. सॉवरेन गोल्ड बांड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाता है. ऐसे में निवेशकों के पैसे डूबने का जोखिम नहीं होता है. बांडों की खरीदी अनुसूचित बैंकों (लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जा सकती है.

कौन निवेश कर सकता है?

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम की बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निवासी निकायों तक ही सीमित है.

कितना निवेश कर सकते है?

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम में निवेश एक ग्राम के गुणकों में किया जाता है. खरीदने की अधिकतम सीमा प्रति वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) एक व्यक्ति के लिए एक साल में 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम होगी ग्राम है. जबकि संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी.

बांड की अवधि किती होगी?

आरबीआई द्वारा जारी नियम के मुताबिक बांड की अवधि 8 साल होगी. जबकि पांचवें, छठे एवं सातवें साल में इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है.

ब्‍याज कितना मिलेगा?

निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगा, जो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा.

कैसे टैक्स में मिलेगा फायदा?

आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा. किसी भी व्‍यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है. बांड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे.

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