नई दिल्ली: हर साल निवेश के लिहाज से मार्च का महीना बेहद अहम होता है. इसी महीने में वित्तीय वर्ष (Financial Year) समाप्त होता है और अगले महीने यानी अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है. इसलिए कई जरूरी कामों की डेडलाइन भी इसी महीने में होती है. यदि आप सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme) के सब्सक्राइबर हैं, तो 31 मार्च की समय सीमा आपके लिए भी महत्वपूर्ण है. लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बदलाव नहीं, पीपीएफ पर मिलता रहेगा 7.1 प्रतिशत ब्याज
सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) दोनों के लिए खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि और अधिकतम बैलेंस की गणना वित्तीय वर्ष के अंत में होती है. इसलिए, यदि आपने वित्तीय वर्ष की समाप्ति (31 मार्च) से पहले न्यूनतम बैलेंस राशि जमा नहीं की है, तो आपका खाता निष्क्रिय कर दिया जाएगा.
यदि आपने पीपीएफ (PPF) या सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूनतम बैलेंस अब तक नहीं मेंटेन किया है तो इस महीने के खत्म होने से पहले यह काम जरुर निपटा लें. हालांकि जिन लोगों ने पैसे पहले ही डिपॉजिट कर दिए है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है.
सुकन्या समृद्धि अकाउंट के लिए सरकार ने ब्याज दर 7.6% प्रति वर्ष तय की है, जो 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी है. जबकि इस में वार्षिक आधार पर ब्याज की गणना (वार्षिक चक्रवृद्धि) की जाती है. सुकन्या समृद्धि खातों के लिए एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. यह 50 रुपये के गुणकों में जमा किया जा सकता है. हालांकि एक महीने या एक वित्तीय वर्ष में जमा करने की संख्या की कोई सीमा नहीं है.
वहीं, सार्वजनिक भविष्य निधि की बात करें तो केंद्र सरकार ने ब्याज दरें 1 अप्रैल 2020 से 7.1% निर्धारित की हुईं है. इसमें भी प्रति वर्ष (वार्षिक चक्रवृद्धि) ब्याज मिलता हैं. पीपीएफ के लिए न्यूनतम बैलेंस 500 रुपये है जबकि एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. खाता धारक जमा एकमुश्त (Lump-Sum) या किश्तों में कर सकता है.