झारखंड हाईकोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी CRPF के सहायक कमांडेंट के खिलाफ उत्पीड़क कार्रवाई पर लगाई रोक
झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को वर्ष 2011 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट के खिलाफ फिलहाल किसी भी उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अदालत में इस कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाये गये सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट की याचिका पर सुनवाई हुई.
रांची, 20 अक्तूबर: झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने मंगलवार को वर्ष 2011 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी सीआरपीएफ (C.R.P.F.) के सहायक कमांडेंट के खिलाफ फिलहाल किसी भी उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति आनंद सेन (Justice Anand Sen) की पीठ ने वर्ष 2011 के पश्चिमी सिंहभूम (West Singhbhum) जिले के छोटा नगरा थाना क्षेत्र में कथित तौर पर नक्सलियों के साथ हुई एक मुठभेड़ की घटना से जुड़े इस मामले में सीआरपीएफ (C.R.P.F.) के सहायक कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास के खिलाफ किसी भी उत्पीड़क कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी.
अदालत में इस कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाये गये सीआरपीएफ (C.R.P.F.) के सहायक कमांडेंट की याचिका पर सुनवाई हुई.
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शंभू कुमार विश्वास (Shubh Kumar Vishwas) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता बिनोद कुमार सिंह (Binod Kumar Singh) अदालत से कहा कि सहायक कमांडेंट शंभू का पूरा करियर बेदाग रहा है और उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी (S.P.G.) में भी दस वर्ष की सेवा दी है.