मुंबई: पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे है. इंधन की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते आम आदमी का बजट बिगड़ गया है. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह से महंगाई भी बढ़ने के आसार है. वहीं, इंधन के दामों को नियंत्रित करने की मांग भी जनता की ओर से की जा रही है. एक्सपर्ट्स और अन्य लोग पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GSTके दायरे में लेन की बात कह रहे हैं. बता दें कि अगर पेट्रोल और डीजल पर GST लगाया जाता है तो इसकी कीमत 30 रूपये से कम हो सकती है.
वहीं, मोदी सरकार के वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा है कि देश में क्रूड आयल आयात किया जाता है और विदेशी कंपनियां कीमत दाम बढ़ा रही हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लेन की बात कही गई है मग इसके लिए सभी राज्यों मंजूरी मिलनी जरुरी है.
Crude is imported. Foreign companies are raising price. Petroleum Min has said Petrol&Diesel should be brought under GST. Point is it can't be brought before the Council until&unless all state fin ministers agree. PM is taking the matter seriously: Shiv Pratap Shukla, MoS Finance pic.twitter.com/QG4AJhxPV7
— ANI (@ANI) May 23, 2018
इस बीच ऐसा माना जा रहा है कि GST कौंसिल की अगली बैठक में पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल-डीजल के दम 30 रूपये घाट सकते है. पेट्रोल और डीजल पर वसूले जाने वाले प्रमुख टैक्स में केंद्र सरकार की सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट शामिल है. ग्राहक पेट्रोल पर 55.5% और डीजल पर लगभग 47.3% टैक्स चुकाते हैं. बहरहाल, मोदी सरकार पर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लेन के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है.
बता दें कि पिछले 10 दिनों से देश में पेट्रोल के दाम लगतार बढ़ रहे हैं. इसे लेकर विपक्ष ने हमलावर रुख इख़्तियार किए हुए है. बीजेपी नेताओं के पुराने विडियो साझा कर उनसे जवाब मांगे जा रहे हैं.