New UPI Transaction Limits: अब इन जगहों पर यूपीआई से कर सकेंगे 5 लाख रुपये तक का पेमेंट, RBI ने इन सर्विसेज में भी किए बड़े बदलाव; बिना OTP के हो जाएगा काम!
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लोगों को राहत देते हुए शुक्रवार को अस्पतालों में इलाज और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए पेमेंट की लिमिट एक बार में एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है. इस पहल का मकसद मेडिकल और एजुकेशन के सेक्टर में पेमेंट्स को लेकर यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ाना है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लोगों को राहत देते हुए शुक्रवार को अस्पतालों में इलाज और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए पेमेंट की लिमिट एक बार में एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है. इस पहल का मकसद मेडिकल और एजुकेशन के सेक्टर में पेमेंट्स को लेकर यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ाना है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए शुक्रवार को कहा, ‘‘अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई के जरिए पेमेंट की लिमिट को मौजूदा के एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है.’’ आरबीआई के अनुसार, इस बारे में जल्दी ही अलग से निर्देश जारी किया जाएगा. यह भी पढ़ें- पंजाब नेशनल बैंक में है खाता तो 18 दिसंबर तक निपटाएं यह काम, नहीं तो बंद हो जाएगा आपका अकाउंट!
बिना ओटीपी के होगा 1 लाख तक पेमेंट
आरबीआई ने व्यापारियों को गुड्स एंड सर्विसेज के एवज में ग्राहकों के परमिशन से उनके अकाउंट से निश्चित अवधि पर (आवर्ती भुगतान) स्वत: पैसा काटने की सीमा कुछ मामलों में मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की अनुमति दी है. यह सीमा म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम जैसी कुछ श्रेणियों के लिए बढ़ायी गई है. इस व्यवस्था में सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था (एएफए) के बिना ग्राहकों के खाते से सीधे पैसा लेने की सीमा वर्तमान में 15,000 रुपये है. इससे ऊपर के भुगतान के लिए सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत पड़ती है. केंद्रीय बैंक ने इस प्रकार के लेन-देन की बढ़ती संख्या और व्यवस्था सुचारू होने को देखते हुए यह निर्णय किया है.
आरबीआई के अनुसार, इस प्रकार की पंजीकृत स्वत: अनुमति फिलहाल 8.5 करोड़ है. इसके तहत हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के लेन-देन हो रहे हैं. विभिन्न तबकों ने म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम का भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान जैसी श्रेणियों में सीमा बढ़ाने की जरूरत बताई है. इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘‘म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान के लिए एक लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए एएफए की आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है.’’ उन्होंने कहा कि अन्य मौजूदा आवश्यकताएं जैसे लेनदेन से पहले और बाद की सूचनाएं, उपयोगकर्ता के लिए उससे बाहर निकलने की सुविधा आदि इन लेनदेन पर लागू होंगी. इस बारे में संशोधित परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा.