महाराष्ट्र: आमों के सरताज ‘हापुस’ को मिला यह तमगा
महाराष्ट्र के पांच जिलों-रत्नागिरी, सिधूगढ़, पालघर, ठाणे तथा रायगढ़ के अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेतक (जीआई) का तमगा दिया गया है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पांच जिलों-रत्नागिरी, सिधूगढ़, पालघर, ठाणे तथा रायगढ़ के अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेतक (जीआई) का तमगा दिया गया है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
जीआई का तमगा उन उत्पादों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में होते हैं. उन उत्पादों में उस क्षेत्र की गुणवत्ता या अन्य पहचान जुड़ी होती है.
इस तरह का नाम उत्पादों की गुणवत्ता तथा विविधता का भरोसा दिलाते हैं. दार्जिलिंग की चाय, महाबलेश्वर की स्ट्राबेरी, जयपुर के नीली नक्काशी वाले मिट्टी के बर्तन, बनारसी साड़ी और तिरुपति के लड्डे कुछ ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें जीआई का तमगा मिला है.
मंत्रालय ने कहा कि जीआई उत्पाद दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाते हैं. इससे किसानों, बुनकरों, दस्तकारों तथा शिल्पियों की आमदनी में सुधार होता है.
आमों के राजा अल्फांसो को महाराष्ट्र में ‘हापुस’ कहा जाता है. इसकी अपने स्वाद के कारण न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी काफी मांग है.