Maharana Pratap Quotes In Hindi: शूरवीर जिसने लिखी शौर्य की नई परिभाषा! जानें महाराणा प्रताप के कुछ ऐसे ही रोचक कोट्स!
Maharana Pratap (Photo Credit- File Image)

 Maharana Pratap Punyatithi 2023: महाराणा प्रताप सिंह का जन्म 09 मई 1540  को कुंभलगढ़ (राजस्थान) दुर्ग में हुआ था. साहस और शौर्य के धनी महाराणा प्रताप ने बाल्यकाल से ही तीर, धनुष, भाला और घुड़सवारी सीखना शुरू कर दिया था, और किशोरावस्था में पहुंचते-पहुंचते एक महान योद्धा के रूप में मुखरित हुए. अकबर के पास भारी-भरकम सेना होने के होने के बावजूद महाराणा प्रताप ने अकबर से 36 बार युद्ध लड़ा और हर बार अकबर को पराजित किया. 7 फुट 4 इंच कद वाले महाराणा प्रताप एक भारी-भरकम व्यक्तित्व वाले योद्धा थे. वहीं उनके विचारों में भी वही आक्रामकता थी.

 उनकी पुण्य तिथि के अवसर पर आइये जानें इस महान शूरवीर के कुछ प्रेरक उद्गार...

कांपते थे दुश्मन जिसके नाम सेः- कांपते थे दुश्मन जिसके नाम से वह और कोई नहीं केवल महाराणा प्रताप थे.

संघर्ष की हर राह पर चले थेः- वह महाराणा प्रताप ही थे, जिससे तो दुश्मनों ने भी दुश्मनी करने से भी तौबा कर ली थी.

मनुष्य का गौरव और आत्मसम्मान- मनुष्य के लिए उसका सबसे बड़ा उसका गौरव और आत्मसम्मान होता है, जिसकी रक्षा उसे खुद करनी चाहिए.

देश का सच्चा इंसानः- देश का सच्चा इंसान वही है, अपनों के साथ-साथ अपने देश के बारे में भी सोचे.

कर्तव्य और सृष्टि का कल्याणः- जो व्यक्ति अपने कर्तव्य एवं कल्याणार्थ, उसे ही देश हमेशा याद रखता है.

आन है राणाः राजपूताने की आन हैं राणा, राजपुताने की शान हैं, वीरों के लिए एक पैगाम हैं महाराणा प्रताप सिंह.

अन्याय, अधर्म आदि का विनाशः- मानव का कर्तव्य है अधर्म और अन्याय का विनाश करना.

साहस का प्रतीक नीले घोड़े पर सवारः- साहस का प्रतीक नीले घोड़े पर सवार, वीरता का प्रतीक मेरा मेवाड़ी सरदार

हिंदू धर्म की शानः- हिंदू धर्म की शान है आज भी जिसका नाम है, उसका नाम है महाराणा प्रताप.

मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावरः- मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर कर जाऊंगा, वक्त आने पर मैं भी मेवाड़ी राणा बन जाऊंगा, परंतु जीया था मिट्टी के लिए, वक्त आने पर जान भी इसी मिट्टी के लिए दूंगा.

शौर्य की एक नयी परिभाषा लिखीः शौर्य की एक नई परिभाषा लिखी थी, बुलंदी की एक नई गाथा लिखी थी, मृतप्रायः भारत में जिसने नई जान फूंकी थी, उस महाराणा प्रताप को हमारा शत-शत नमन हैं.

शौर्य की गाथा हर कोईः- प्रताप के शौर्य की गाथा हर कोई गाकर सुनाएगा, मातृभूमि भी धन्य हो गई है, प्रताप जैसा पुत्र पाकर.