केरल: मछुआरों का बड़ा फैसला, जिसने भी सुना वह कर रहा है तारीफ
मोहम्मद ने कहा, "कई लोगों को बचाकर मैं और मेरे दोस्त वास्तव में काफी खुश हैं. इससे ज्यादा खुशी की क्या बात हो सकती है जब आप (विजयन) कहें कि हम (मछुआरे) आपकी सेना हैं."
तिरुवनंतपुरम. केरल की विनाशकारी बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए व्यापक सराहना पा रहे मछुआरों के एक प्रमुख नेता ने सोमवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा समुदाय के प्रत्येक सदस्य को तीन हजार रुपये देने की पेशकश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. फोर्ट कोच्चि के रहने वाले खैस मोहम्मद ने एक वीडियो पोस्ट में कहा कि वह और उनके सहयोगी मुख्यमंत्री से मिली सराहना से काफी खुश हैं. विजयन ने दूर-दराज के इलाकों में बारिश और खतरनाक जलस्तर होने के दौरान अपनी जान पर खेलकर असहाय लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाने के लिए समुदाय की सराहना की थी.
मोहम्मद ने कहा, "कई लोगों को बचाकर मैं और मेरे दोस्त वास्तव में काफी खुश हैं. इससे ज्यादा खुशी की क्या बात हो सकती है जब आप (विजयन) कहें कि हम (मछुआरे) आपकी सेना हैं."
उन्होंने कहा, "लेकिन, जब हमने सुना कि हमारी सेवा के लिए तीन हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा तो सर हमें इससे दुख हुओआ क्योंकि हमने अपने साथी इनसानों की जान पैसों के लिए नहीं बचाई."
उन्होंने कहा कि हालांकि सभी मछुआरे खुश हैं कि सरकार ने उन्हें उनकी क्षतिग्रस्त नावों की मरम्मत मुफ्त कराने का वादा किया है. उन्होंने कहा, "यह अच्छी खबर है. लेकिन जिंदगियां बचाने के लिए हमें पैसे नहीं चाहिए.