नई दिल्ली: देश के अधिकतर लोग अधिक से अधिक टैक्स (Income Tax) बचाने की जद्दोजहद करते है. ऐसा इसलिए क्योकि योजनाबद्ध तरीके से टैक्स बचाना और अधिकतम रिटर्न कमाना एक मुश्किल काम समझा जाता है. इस बीच आयकर विभाग ने टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए फार्म 16 के प्रारूप को संशोधित किया है. इसके कारण अब नौकरीपेशा लोगों के पास टैक्स में घपला करने का विकल्प नहीं बचेगा.
आयकर विभाग ने टीडीएस सर्टिफिकेट यानी फार्म-16 में मकान से आय तथा अन्य नियोक्ताओं (Employers) से प्राप्त पारितोषिक समेत विभिन्न बातों को जोड़ा है. इस तरह से इसे अधिक व्यापक बनाया गया है ताकि कर देने से बचने पर लगाम लगाया जाए.
इसमें विभिन्न कर बचत योजनाओं, कर बचत उत्पादों में निवेश के संदर्भ में कर कटौती, कर्मचारी द्वारा प्राप्त विभिन्न भत्ते के साथ अन्य स्रोत से प्राप्त आय के संदर्भ में अलग-अलग सूचना भी शामिल होगी. यह बदलाव 12 मई 2019 से प्रभाव में आएगा.
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आयकर विभाग ने संशोधित फार्म में बचत खातों में जमा पर ब्याज के संदर्भ में कटौती का ब्योरा तथा छूट एवं अधिभार (जहां लागू हो) भी शामिल होगा. वेतनभोगी वर्ग तथा जो अपने खातों के आडिट नहीं कराते, उन्हें इस साल 31 जुलाई तक आईटीआर भरना होगा.
फार्म-24Q भी बदला-
इस बीच, आयकर विभाग ने फार्म 24 क्यू को भी संशोधित किया है. इसे नियोक्ता भरकर कर विभाग को देते हैं. इसमें गैर-संस्थागत इकाइयों की स्थायी खाता संख्या का अतिरिक्त ब्योरा शामिल होगा जिनसे कर्मचारियों ने मकान बनाने या खरीदने के लिये कर्ज लिया है.
गौरतलब हो कि फार्म-16 एक प्रमाणपत्र होता है जो कि नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता हैं. इसके जरिए कर्मचारियों के टीडीएस (आय के स्रोत पर टैक्स कटौती) का ब्योरा दिया जाता है. आम तौर पर TDS सर्टिफिकेट जून महीने में जारी किया जाता है. इसका मुख्यतः उपयोग इनकम टैक्स रिटर्न भरने में किया जाता है.