GST काउंसिल की बैठक आज, कोल्ड ड्रिंक और तंबाकू पर टैक्स बढ़ने की संभावना, महंगे हो सकते हैं कपड़े और जूते
आज GST काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं, जिनमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स घटाने, ऑनलाइन फूड डिलीवरी पर छूट, और हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव है.
नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होगी. इस बैठक में कई बड़े फैसलों की संभावना है, जिनमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स कम करना, एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) को जीएसटी के दायरे में लाना, और कई वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्स रेट्स में बदलाव शामिल हैं.
काउंसिल स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों को कम करने पर विचार कर रही है. मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस और वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट दी जाए. इसके अलावा, 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवरेज वाले प्रीमियम पर भी टैक्स छूट का प्रस्ताव है.
सिन प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ सकता है
हानिकारक वस्तुओं जैसे कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, तंबाकू आदि पर टैक्स 28% से बढ़ाकर 35% करने का प्रस्ताव है. इसके तहत एक नया टैक्स स्लैब पेश किया जा सकता है.
फूड डिलीवरी और ऑनलाइन ऑर्डर्स पर राहत की संभावना
स्विगी और जोमैटो जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर टैक्स दर 18% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है. हालांकि, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा हटाई जा सकती है.
कपड़ों और जूतों पर टैक्स रेट में बदलाव
- कपड़े:
- 1500 रुपये तक की लागत वाले कपड़ों पर 5% जीएसटी
- 1500 से 10,000 रुपये तक की लागत वाले कपड़ों पर 18%
- 10,000 रुपये से अधिक के कपड़ों पर 28%
- जूते:
- 15,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों पर टैक्स 18% से बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव.
अन्य वस्तुओं पर टैक्स रेट में बदलाव के प्रस्ताव
- 20 लीटर से अधिक के पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर पर टैक्स 18% से घटाकर 5%
- 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर टैक्स 12% से घटाकर 5%
- एक्सरसाइज नोटबुक पर टैक्स 12% से घटाकर 5%
एविएशन सेक्टर पर चर्चा
बैठक में एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जाएगा. इससे एविएशन इंडस्ट्री की लागत में कमी आने की संभावना है.
फैसलों की अहमियत
जीएसटी काउंसिल की यह बैठक कई व्यवसायों और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि इसमें टैक्स दरों में बदलाव से महंगाई और व्यापार पर असर पड़ने की संभावना है.