ऐसे पहचाने फर्जी GST बिल, यहां करें शिकायत
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पिछले साल 30 जून की आधी रात जब घड़ी की सुई आगे बढ़ी तब भारतीय इतिहास कर व्यवस्था की दृष्टि से एक नए युग में दाखिल हुआ. लेकिन उसी कर सुधार की आड़ में आज कई दुकानदार, होटलवाले, कंपनियां व अन्‍य कारोबारी फर्जी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) बिल के जरिए आम जनता को चूना लगा रहे है. अगर आपको भी ऐसे किसी फर्जीवाड़े का शक है तो नीचे बताए गए तरीको का इस्तेमाल कर खुद की जेब कटने से बचाए.

जीएसटी के तहत पूरे देश में एक सामान पर टैक्स की एक ही दर होती है. जीएसटी में केंद्र और राज्य सरकार के अप्रत्यक्ष टैक्स को एक साथ मिला दिया गया है. जिससे लगभग देशभर में लगनेवाले 20 तरह के टैक्सों से छुटकारा मिल गया है.

केवल जीएसटी के अंतर्गत खुद को पंजीकृत करनेवाले व्यवसायियों के पास ही जीएसटी वसूलने का अधिकार होता है. बता दें की जिन कारोबार का सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक है सिर्फ उन्हें ही जीएसटी के तहत रजिस्‍टर करना आवश्यक होता है.

सही बिल ऐसे पहचानें-

कई बार कारोबारी फर्जी बिल के जरिए ग्राहकों से जीएसटी के नाम पर पैसे वसूलते है लेकिन सरकार तक एक रुपया भी नहीं पहुचाते. यहां कुछ जानकारी दी गई है जो आपको नकली जीएसटी बिल पहचानने में मदद करेगी.

-जीएसटी का रजिस्‍ट्रेशन नंबर 15 अंकों का होता है

- शुरू के दो नंबर संबंधित राज्‍य का कोड होता है

- अगले 10 अंक दुकानदार या व्यवसाय का पैन का नंबर होता है

-जीएसटी बिल का 13वां अंक उस दुकानदार के पैन पर अलग-अलग बिजनेस के लिए किए गए जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन संख्‍या दिखाती है

-14 वां अंक हमेशा डिफ़ॉल्ट रूप से जेड होता है

- जीएसटी बिल का अंतिम अंक वर्णमाला या संख्या हो सकता है.

फर्जी जीएसटी बिल से ऐसे निपटे-

- https://cbec-gst.gov.in/gst-goods-services-rates.html वेबसाइट पर जाकर किसी भी उत्‍पाद पर कितना जीएसटी लग रहा है, उसकी जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है

- https://services.gst.gov.in/services/searchtp वेबसाइट पर जाकर किसी भी दुकानदार के रजिस्ट्रेशन नंबर को डालने से पता चल जाएगा कि कोई दुकानदार जीएसटी कर वसूल करने के लिए रजिस्टर्ड है या नहीं

-जीएसटी सम्बंधित किसी भी शिकायत के लिए आप जीएसटी की सहायता नंबर 1800114000 पर फोन करके या helpdesk@gst.gov.in पर ईमेल या helpdesk@gst.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते है.