Earthquake In Japan: जापान में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इसका केंद्र टोक्यो से 107 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में स्थित था. भूकंप की गहराई 65 किलोमीटर थी. वहीं सुनामी को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है.
जापान एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, और अपने पूरे इतिहास में कई बड़े भूकंपों से प्रभावित रहा है. जापान में कुछ सबसे उल्लेखनीय भूकंपों में शामिल हैं-
ग्रेट कांटो भूकंप (1923): ग्रेट कांटो भूकंप 7.9 तीव्रता का भूकंप था जिसने 1 सितंबर, 1923 को जापान के कांटो मैदान में तबाही मचाई थी. इस भूकंप से टोक्यो और योकोहामा में व्यापक क्षति हुई थी और अनुमान है कि इसमें 140,000 से अधिक लोग मारे गए थे.
Earthquake of Magnitude:6.1, Occurred on 26-05-2023, 15:33:25 IST, Lat: 35.42 & Long: 140.80, Depth: 65 Km ,Location: 107km ESE of Tokyo, Japan for more information Download the BhooKamp App https://t.co/GoQJjKYH5X @moesgoi @Dr_Mishra1966 @Ravi_MoES pic.twitter.com/fluybhY8kI
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) May 26, 2023
ग्रेट हंसिन भूकंप (1995) ग्रेट हंसिन भूकंप 7.2 तीव्रता का भूकंप था जिसने 17 जनवरी, 1995 को जापान के हंसिन क्षेत्र में तबाही मचाई थी. इस भूकंप से कोबे और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक क्षति हुई थी और अनुमान है कि इसमें 6,000 से अधिक लोग मारे गए थे.
ग्रेट ईस्ट जापान भूकंप (2011): द ग्रेट ईस्ट जापान भूकंप 9.0 तीव्रता का भूकंप था जिसने 11 मार्च, 2011 को जापान के तोहोकू क्षेत्र में तबाही मचाई थी. इस भूकंप ने बड़े पैमाने पर सूनामी का कारण बना, जिसने तटीय क्षेत्रों को तबाह कर दिया, और 15,000 से अधिक लोगों के मारे जाने का अनुमान है. लोग.
इन बड़े भूकंपों के अलावा, जापान में कई छोटे भूकंप भी आए हैं, जिनसे काफी नुकसान हुआ है. हाल के वर्षों में, जापान ने भी ग्रेट ईस्ट जापान भूकंप से कई आफ्टरशॉक्स का अनुभव किया है.
जापान भूकंप से उत्पन्न जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ है और उसने भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इन उपायों में भूकंप प्रतिरोधी संरचनाओं का निर्माण, पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करना और नियमित आपदा अभ्यास आयोजित करना शामिल है. इन प्रयासों के बावजूद, जापान को भविष्य में एक बड़े भूकंप की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है.