कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि 1 अप्रैल से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाएगा. हालांकि वित्त मंत्री निर्णला सीतारमण ने इसे अफवाह कर दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा- कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नए कर व्यवस्था से जुड़ी भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है. इसलिए स्पष्ट किया जाता है कि 1 अप्रैल से इनकम टैक्स स्लैब में कोई नया बदलाव नहीं आ रहा है.
धारा 115BAC(1A) के तहत नई कर व्यवस्था को वित्त अधिनियम 2023 में पुरानी कर व्यवस्था (छूटों के बिना) की तुलना में पेश किया गया था (नीचे तालिका देखें).
नई कर व्यवस्था कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए लागू है, यह वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इससे संबंधित निर्धारण वर्ष 2024-25 है।
नई कर व्यवस्था के तहत, कर की दरें काफी कम हैं, हालांकि पुरानी व्यवस्था की तरह विभिन्न छूटों और कटौतियों (वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये के मानक कटौती के अलावा) का लाभ नहीं मिलता है.
नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है, हालांकि, करदाता उस कर व्यवस्था (पुरानी या नई) को चुन सकते हैं जो उन्हें फायदेमंद लगती है.
निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध है. बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए कर व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा. तो, वे एक वित्तीय वर्ष में नई कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था चुन सकते हैं और इसके विपरीत भी.