अलवर मॉब लिंचिंग मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 20 अगस्त को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली. देश के विभिन्न हिस्सों में कथित गौरक्षा के नाम पर लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर से गौरक्षा के नाम पर भीड़ ने रकबर खान की हत्या कर दी. वहीं रकबर की हत्या का मामल अब सुप्रीम कोर्ट के चौखट पर पहुंच गया और अदलात ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया है. इस मामले की सुनवाई 20 अगस्त कोहोगी.

बता दें कि याचिका तहसीन पूनावाला की दायर की है. मेवात निवासी रकबर खान अन्य मित्र के साथ गाय लेकर जा रहे थे. उसी समय अलवर में लालावंडी गांव के समीप, ग्रामीणों के एक समूह ने उसे रोक लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई की. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई. इस घटना से एक बार फिर गौरक्षा के नाम पर हत्या का मामला गरमा गया है.

कांग्रेस ने किया हमला

अलवर मॉब लिंचिंग मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलिस की कर्रवाई पर सवाल उठाया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि रकबर को पुलिस तीन घंटे बाद अस्पताल लेकर पहुंची. जबकि घटनास्थल से अस्पताल का रास्ता महज 6 किलोमीटर है. ऐसे में मोदी सरकार का नया भारत है जहां इंसानियत की जगह अब नफरत ने ले रही है.

राजस्थान पुलिस पर लापरवाही का आरोप

अलवर मामले में पुलिस अब सवालों के घेरे में हैं. खबरों के मुताबिक पुलिस ने घायल रकबर खान को अस्पताल ले जाने में लापरवाही बरती. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. खबरों के मुताबिक घटना स्थल से अस्पताल की दूरी महज छह किमी थी. लेकिन इतनी दुरी तय करने में पुलिस को तीन घंटे का समय लग गया. डॉक्टर की माने तो जब रकबर को अस्पताल लेकर आया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी. अलवर में गोरक्षा के नाम पर पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. पिछले साल अप्रैल में कुछ गोरक्षकों ने पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस

सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा मामले में रोकथाम, सुधार और दंडात्मक दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि भीड़ का अंधा कानून बर्दाश्त नहीं है. संसद इसके लिए कानून बनाए, जिसमें भीड़ द्वारा हत्या के लिए सज़ा का प्रावधान हो. अदालत ने केंद्र और राज्यों को आदेश दिया कि वे संविधान के मुताबिक काम करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भीड़तंत्र के पीड़ितों को सरकार मुआवजा दे.

मोदी को बदनाम करने की साजिश

अलवर घटना के बाद सरकार पर फिर से सवाल उठें लगे हैं. वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री और अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अलवर लिंचिंग की घटना प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से संबंधित है और देश में इस तरह की जितनी घटनाएं होंगी, वह और लोकप्रिय होते जाएंगे. उन्होंने कहा कि गाय की तस्करी के संदेह में 28 वर्षीय युवक की पीट-पीट कर हत्या निंदनीय है, लेकिन 1984 का सिख दंगा भारत के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग की घटना है.

गौरतलब हो कि अलवर में गोरक्षा के नाम पर पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. पिछले साल अप्रैल में कुछ गोरक्षकों ने पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.