लखनऊ, 17 सितम्बर: इलाहाबाद (Allahabad) उच्च न्यायालय (High Court) के दखल के बाद, उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने 16 वर्षीय मैनपुरी छात्रा की रहस्यमय मौत की जांच के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. छात्रा 2019 में अपने स्कूल में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी पर लटकी मिलीं थी. अदालत ने पुलिस अधिकारियों से मामले की जांच में प्रगति के साथ एक महीने के बाद अदालत को अपडेट करने को कहा है. यह भी पढ़े: नारायण राणे अपने खिलाफ दर्ज छह प्राथमिकियों लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर करें :उच्च न्यायालय
मृतक लड़की के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. अदालत ने गुरुवार को एक निर्देश भी जारी किया कि राज्य सरकार को अपने अधिकारियों को दो महीने के भीतर या आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के संशोधित प्रावधानों के अनुसार समय सीमा के भीतर दुष्कर्म के मामलों की जांच पूरी करने का निर्देश देना चाहिए. अदालत ने आगे पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि संबंधित लड़की के परिवार के सदस्यों पर जांच के दौरान दबाव न डाला जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा की खंडपीठ महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पुलिस उक्त घटना की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है और वास्तविक आरोपियों को बचा रही है.
सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत को सूचित किया कि संबंधित जांच अधिकारी, एएसपी और डीएसपी, जो शुरू में मामले की जांच कर रहे थे, को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है. साथ ही मामले की नए सिरे से जांच के लिए नई एसआईटी का गठन किया गया है. मृतक बच्ची की मां ने प्राथमिकी में कहा था कि उसकी बेटी शिकायत करती थी कि वह स्कूल के कुछ राज जानती है और इसी वजह से प्राचार्य उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. लड़की ने अपनी मौत से ठीक एक दिन पहले अपनी मां को फोन किया था और कहा था कि उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, लेकिन जब परिजनों ने प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की तो उसने कोई ध्यान नहीं दिया. अदालत ने सुझाव दिया कि जांच अधिकारी को संबंधित फोन नंबरों का कॉल विवरण एकत्र करना चाहिए जो मामले में महत्वपूर्ण सबूत हो सकते हैं.