प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले महीने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंज़ूरी दिए जाने से 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है. यह आयोग मूल वेतन, मूल पेंशन, डीए, डीआर, भत्तों, बोनस और अन्य चीज़ों का पुनर्निर्धारण करेगा. वेतन आयोग कर्मचारियों के मौजूदा वेतन ढांचे, भत्तों और लाभों का मूल्यांकन करता है और मुद्रास्फीति जैसे बाहरी कारकों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक बदलावों की सिफारिश करता है. हालांकि, यह अनिवार्य नहीं है कि केंद्र आयोग की सिफारिशों को लागू करे.
नेशनल काउंसिल - जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का मानना है कि आगामी 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 होना चाहिए. जिससे वेतन में 186% तक की उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा सकती है. यानी अगर इस फिटमेंट फैक्टर को लागू किया जाता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन के आधार पर वेतन में 186% तक बढ़ोतरी हो सकती है.
साल खत्म होने से पहले सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के किसी भी नए प्रस्ताव के बारे मे घोषणा करना एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है. आमतौर पर हर 10 साल पर एक नए कमीशन का गठन होता है. सातवें वेतन आयोग को लागू हुए एक दशक बीत चुका है, कर्मचारियों का मानना है कि अब समय आ गया है कि उनकी चिंताओं को दूर करने और बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक नए आयोग का गठन किया जाए.
सूत्रों के अनुसार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसे केंद्रीय कर्मचारी मौजूदा 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करने की मांग कर रहे हैं. अटकलें हैं कि मोदी सरकार इसे संशोधित कर 2.86 कर सकती है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ होगा.
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वर्तमान में, 20,000 रुपये के मूल वेतन वाले कर्मचारी को 7वें वेतन आयोग (20,000 x 2.57) के तहत 51,400 रुपये मिलते हैं. यदि फिटमेंट फैक्टर को 2.86 पर समायोजित किया जाता है, तो वेतन बढ़कर 57,200 रुपये हो सकती है. इसके अतिरिक्त, पेंशन में 9,000 रुपये से 25,740 रुपये तक की पर्याप्त बढ़ोतरी देखी जा सकती है, जो सेवानिवृत्त लोगों को बहुत जरूरी राहत प्रदान कर सकती है.













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