7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से अच्छी खबर आई है. जुलाई-सितंबर के लिए महंगाई भत्ते (DA Hike) में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. रिपोर्ट्स के अनुसार, नरेंद्र मोदी सरकार सितंबर के पहले सप्ताह में अगली डीए बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है. इस साल मार्च में सरकार ने 4 फीसदी की डीए बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिसे जनवरी 2024 से प्रभावी किया गया. 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द मिलेगी गुड न्यूज, इतना बढ़ेगा महंगाई भत्ता.
इस बढ़ोतरी के साथ डीए बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हो गया था. इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार डीए को बेसिक वेतन में शामिल कर सकती है और डीए को 0% से फिर से शुरू कर सकती है. हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह विचाराधीन नहीं है.
सितंबर में डीए बढ़ोतरी से कितनी सैलरी बढ़ेगी?
अनुमान है कि सितंबर में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए में कम से कम 3 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (DR) की गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर की जाती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में खुदरा कीमतों में बदलाव को मापता है.
वर्तमान समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है. महंगाई भत्ते (DA) के 53% होने के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि उनकी बेसिक सैलरी कितनी है. आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं.
उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, और वर्तमान में DA 50% है, तो:
मौजूदा सैलरी:
बेसिक सैलरी: ₹18,000
DA (50%): ₹9,000
कुल सैलरी (बेसिक + DA): ₹27,000
DA 53 फीसदी होने के बाद:
बेसिक सैलरी: ₹18,000
DA (53%): ₹9,540
कुल सैलरी (बेसिक + DA): ₹27,540
सैलरी में बढ़ोतरी: ₹540
इसी तरह अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹56,900 है, जो 7वें वेतन आयोग के तहत अधिकतम बेसिक सैलरी के करीब है.
DA 50 फीसदी होने पर:
बेसिक सैलरी: ₹56,900
DA (50%): ₹28,450
कुल सैलरी (बेसिक + DA): ₹85,350
DA 53 फीसदी होने के बाद:
बेसिक सैलरी: ₹56,900
DA (53%): ₹30,157
कुल सैलरी (बेसिक + DA): ₹87,057
सैलरी में बढ़ोतरी: ₹1,707
बता दें कि यह वृद्धि बेसिक सैलरी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. महंगाई भत्ते की दर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर निर्भर है और यही मुद्रास्पीति की दर को बताती है. एआईसीपीआई इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर तय होता है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा.