31 दिसंबर तक आधार-PF लिंक कराने समेत जरुर निपटा लें ये सारे काम, नहीं तो परेशानी के साथ जेब भी होगी ढीली
भारतीय रुपया (Photo Credit: Pixabay)

नया साल (New Year) आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. पैसे से जुड़े कुछ जरूरी काम हैं जिन्हें आपको 31 दिसंबर (31 December) से पहले पूरा कर लेना चाहिए. जैसे आयकर रिटर्न (Income tax return filing) या आईटीआर फाइलिंग, आधार पीएफ लिंक(Adhaar-PF Link), पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करना. अगर 31 दिसंबर तक आप ये काम नहीं करते हैं तो आपको नये साल में परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है. Rules Changing From 1st January: साल के पहले दिन से होने वाले है यह 7 बड़े बदलाव, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर!

आयकर रिटर्न फाइल (Income Tax Return)

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न (ITR return) फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी गई थी. सरकार ने नए इनकम टैक्स पोर्टल पर आ रही परेशानी और कोरोना वायरस के चलते डेडलाइन को आगे बढ़ाया था. अब टैक्सपेयर्स को 31 दिसंबर तक अपना ITR फाइल करना होगा ताकि वह जुर्माने से बच सकें.

आधार को UAN से लिंक करना

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सब्सक्राइबर्स को UAN नंबर को आधार से लिंक कराना है. UAN को आधार से लिंक कराने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में आफको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आप EPFO की ऑफिशियल वेबसाइट या फिर उमंग ऐप के जरिए इसको लिंक करा सकते हैं.

जीवन प्रमाण प्रमाण पत्र (Life Certificate) 

अगर आप को किसी प्रकार का पेंशन मिलता हैं तो आपको 31 दिसंबर तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) जमा करना होगा. अगर 31 दिसंबर तक आप सर्टिफिकेट नहीं जमा करते है तो आपको पेंशन मिलना बंद हो जाएगा.  इसकी अंतिम तारीख पहले 30 नवंबर थी जिसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया.

अपने डीमैट, ट्रेडिंग अकाउंट की KYC

 अगर आप डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट रखते हैं तो तुरंत इसकी केवाईसी करा लें. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डीमैट और ट्रेडिंग खातों की KYC कराने की आखिरी तारीख 30 सितंबर 2021 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दी थी. एक डीमैट, ट्रेडिंग अकाउंट में KYC के तहत नाम, पता, PAN, वैलिड मोबाइल नंबर, आयु, सही ईमेल आईडी अपडेट करनी है.  अगर आपने 31 दिसंबर तक इस काम को पूरा नहीं किया तो बाद में शेयर या स्टॉक की खरीद-बिक्री पर असर पड़ सकता है.