मानसून से पहले बच्चों को लगे इन्फ्लूएंजा वैक्सीन, कोरोना संक्रमण की रफ्तार हो सकती है धीमी- पीडियाट्रिक टास्कफोर्स ने महाराष्ट्र सरकार को दी सलाह
महाराष्ट्र कोविड टास्कफोर्स (Maharashtra COVID Taskforce) और नवगठित बाल चिकित्सा टास्कफोर्स (Paediatric Taskforce) ने संयुक्त रूप से उद्धव सरकार से मानसून (Monsoon) से पहले प्रत्येक बच्चे को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza Vaccine) लगाने की अपील की है.
मुंबई: महाराष्ट्र कोविड टास्कफोर्स (Maharashtra COVID Taskforce) और नवगठित बाल चिकित्सा टास्कफोर्स (Paediatric Taskforce) ने संयुक्त रूप से उद्धव सरकार से मानसून (Monsoon) से पहले प्रत्येक बच्चे को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza Vaccine) लगाने की अपील की है. रविवार को हुई एक बैठक में दोनों समूहों के डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से कहा कि इन्फ्लूएंजा की वैक्सीन लगाने से इस बीमारी के मामलों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, जिससे अस्पतालों में भीड़भाड़ कम करने और अनावश्यक परीक्षण को रोकने में मदद मिलेगी. COVID-19 Third Wave: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सभी को किया सतर्क, कहा- कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टरों से तुरंत करें संपर्क
इन्फ्लूएंजा वैक्सीन बाजार में व्यापक रूप से उपलब्ध है, हालांकि यह वैक्सीन राष्ट्रीय वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत नहीं लगाई जाती है. इन्फ्लूएंजा वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 1,500-2,000 रुपये है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य कोविड टास्कफोर्स के अध्यक्ष डॉ संजय ओक (Dr Sanjay Oak) ने सीएम उद्धव ठाकरे से कहा “हमारा मानना है कि इन्फ्लूएंजा वैक्सीन की सलाह दी जानी चाहिए. चूंकि यह महंगा है, इसलिए ज्यादातर मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग ही इसे वहन कर सकते हैं. राज्य स्तर पर कम से कम अगले छह महीनों में लागत को कम करने या हर बच्चे को देने के बारे में सोच सकते हैं.”
पीडियाट्रिक टास्कफोर्स के प्रमुख डॉ सुहास प्रभु (Dr Suhas Prabhu) ने मुख्यमंत्री से कहा कि कम से कम इस वर्ष यह वैक्सीन सभी बच्चों को देनी चाहिए. जिसके बाद सीएम ने कहा कि राज्य सरकार सुझाव पर विचार करेगी. उन्होंने कहा "हमें इस बारे में और स्पष्टता की आवश्यकता है कि क्या बिना लक्षण वाले कोविड पॉजिटिव बच्चे इसे ले सकते है." साथ ही उन्होंने टास्क फोर्स से मार्गदर्शन देने के लिए कहा.
पीडियाट्रिक टास्कफोर्स के सदस्य डॉ विजय येवाले (Dr Vijay Yewale) ने कहा कि फ्लू भी सांस की बीमारी है. “वैक्सीन नियमित रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को दिया जाता है. यह सांस की बीमारी को रोक सकता है.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो बच्चे अपनी नियमित वैक्सीनेशन खुराक लेने से चूक गए हैं, उन्हें अपना कार्यक्रम पूरा करना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या शनिवार को 87,000 के पार पहुंच गई, हालांकि नए संक्रमणों में गिरावट आई और यह 30,000 के स्तर से नीचे रहा. शुक्रवार को दर्ज की गई 1,263 मौतों की तुलना में शनिवार को घटकर 682 हो गई, जिससे कुल मृत्यु का आंकड़ा 87,300 हो गया, जो देश में सबसे ज्यादा है. राज्य में कोविड के 26,133 नए मामले आए. इसके साथ कुल मामलों की संख्या 55,53,225 हो गई. विशेषज्ञों के अनुसार महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का पीक चला गया है और आने वाले कुछ महीनो में महामारी की तीसरी लहर आ सकती है, जो बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है.