Telangana: कांग्रेस में अंतर्कलह तेज, सीनियर बनाम प्रवासी की लड़ाई में 13 सदस्यों ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस (Photo Credits PTI)

हैदराबाद: कांग्रेस की तेलंगाना इकाई में आंतरिक कलह तेज होती दिख रही है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के 13 सदस्यों ने कुछ वरिष्ठ नेताओं की इन टिप्पणियों के विरोध में रविवार को इस्तीफा दे दिया कि अन्य दलों से कांग्रेस में आए लोगों को प्रमुखता मिली है. इन 13 सदस्यों में कांग्रेस विधायक डी. अनसूया (सीतक्का) और पूर्व विधायक वी. नरेंद्र रेड्डी भी शामिल हैं. VIDEO: तेलंगाना में चोरी का गरब तरीका, क्रेन के सहारे घर के सामने से उठा ले गए कार, घटना CCTV में रिकॉर्ड. 

त्यागपत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि केसीआर राज्य में तानाशाही शासन चला रहे हैं. केसीआर को गद्दी से उतारने के लिए कड़े संघर्ष की जरूरत है. पत्र में आगे लिखा है, उत्तम कुमार की ओर से आरोप लगाया गया था कि पीसीसी के 50 प्रतिशतसे अधिक सदस्य ऐसे नेता हैं जो हाल ही में टीडीपी से जुड़े हैं. इससे पिछले 6 साल कांग्रेस के लिए काम करने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी.

अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिंह ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के कुछ पूर्व नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के संबंध में शनिवार को कहा था कि अगर दूसरे दलों से कांग्रेस में आने वालों को पार्टी में तवज्जो दी जाएगी, तो इससे “मूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं” के बीच क्या संदेश जाएगा.

राजनरसिंह ने जब यह टिप्पणी की तब कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, लोकसभा सदस्य एन. उत्तम कुमार रेड्डी, पूर्व सांसद मधु यशकी गौड़ और पार्टी विधायक टी. जयप्रकाश रेड्डी भी उनके साथ मौजूद थे.

माना जा रहा है कि ये नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद ए. रेवंत रेड्डी से नाराज हैं. पूर्व विधायक ई. अनिल ने आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए 'वरिष्ठ नेताओं' से साथ मिलकर काम करने और राज्य में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने की अपील की.

उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी लोग वरिष्ठों का सम्मान करते हैं. अनिल ने पार्टी के कुछ नेताओं को “प्रवासी” बताए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से तेलंगाना में बीआरएस के नेतृत्व वाली और केंद्र में भाजपा नीत सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आग्रह किया, हाल में मुनुगोड़े विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद, पार्टी की प्रदेश इकाई में आंतरिक कलह देखने को मिली है.