नई दिल्ली: भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को कम करने के लिए सौहार्दपूर्ण तरीके से मुलाकात की, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि फिर से विचार-विमर्श के लिए मिलेंगे.
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने सात सितंबर को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों को उनकी पोजिशन से विचलित करने के लिए एक उत्तेजक सैन्य प्रयास किया था और चेतावनी के तौर पर फायरिंग भी की थी. एक सूत्र ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडरों के बीच आज वार्ता हुई." भारतीय, चीनी सेना के कमांडरों ने मुलाकात की, तनाव घटाने के लिये हॉटलाइन का भी इस्तेमाल किया
सूत्र ने आगे कहा कि भारत ने बैठक के दौरान स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर चीनी सैनिक उत्तेजक सैन्य कार्रवाई को अंजाम देंगे, तो भारतीय सैनिक जवाबी कार्रवाई करेंगे. इससे पहले दिन में यह देखा गया कि चीन ने पैंगोंग झील के उत्तर में फिंगर क्षेत्र में एक ताजा निर्माण शुरू किया.
India and China today held Brigade Commander level talks in Chushul from 11 AM to 3 PM. The two sides have also broadly agreed on holding Corps Commander level talks for which the date, modalities and agenda are yet to be finalised: Indian Army Sources
— ANI (@ANI) September 9, 2020
पीएलए सैनिकों की तैनाती मंगलवार शाम से बढ़ गई है. वे अधिक सामग्री और लॉजिस्टिक आइटम भी ला रहे हैं. दोनों पक्षों के सैनिक एक दूसरे से थोड़ी ही दूरी पर हैं. एक सरकारी सूत्र ने कहा, "वे स्पष्ट दृश्यमान सीमा के भीतर हैं (एक-दूसरे को अच्छे से देख सकते हैं) और भारतीय सैनिक उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं."
मंगलवार को भी पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला के उत्तर में भारतीय सेना के ठिकानों से कुछ ही मीटर दूर तकरीबन 40 से 50 चीनी सैनिक भाले, बंदूक और धारदार हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे. पीएलए के सैनिक भारतीय सेना को उसके ठिकानों से हटाने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं.
यह घटनाक्रम झील के दक्षिणी तट पर सात सितंबर को एक झड़प होने के तुरंत बाद शुरू हुआ है, जहां भारतीय सेना अपनी पहुंच बनाए हुए है. भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच बना ली है और चीन ने यहां कई अन्य पोजिशन पर अपना कब्जा करने के लिए कई प्रयास किए हैं.
यह नया गतिरोध बिंदु बन गया है, क्योंकि भारतीय सेना यहां एक लाभप्रद स्थिति में है. भारतीय सेना ने उन ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है, जो इसे चीनी नियंत्रण के तहत आने वाले चीनी मोल्दो गैरीसन और स्पंगुर गैप पर हावी होने में फायदा पहुंचा सकती है. भारत और चीन दोनों इनमें से कुछ ऊंचाइयों पर अपना दावा करते हैं.
भारतीय सेना की सबसे महत्वपूर्ण ऊंचाइयों में से एक है रेचिन ला, जिसका चीनी विरोध कर रहे हैं. भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चार महीने से आमने-सामने है. कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है.