India’s First Underwater Metro Train: 13 फरवरी से कोलकाता में चलेगी अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन, जानें कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन, (फोटो क्रेडिट्स: पियूष गोयल ट्विटर)

कोलकाता: लोगों का इंतजार आखिरकार खत्म होनेवाला है, क्योंकि भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन सेवा बहुत जल्द कोलकाता में शुरू होने जा रही है! इस मेट्रो का नाम ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना है. पानी के नीचे मेट्रो ट्विन सुरंग (Twin Tunnel) कोलकाता के साल्ट लेक सेक्टर V के टेक हब (tech hub) और युवा भारती क्रीड़ांगन (Yuva Bharati Krirangan) के बीच 13 फरवरी से चलेगी. यह ट्रेन कम ट्रेवल कॉस्ट और कम समय में ज्यादा दूरी तय करने के उद्देश्य से बनाई गई है.

इस बारे में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Union Minister Babul Supriyo) ने कहा कि, "यह तय किया गया है कि मेट्रो 13 फरवरी से अपनी सेवाएं शुरू कर देगी. कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Kolkata Metro Rail Corporation Limited) मेट्रो परियोजना को एक्जेक्युट कर रहा है, जो तकनीकी रूप से यूरोस्टार (Eurostar जैसा है, जो पेरिस और लंदन जोड़ता है. इसी तरह ये मेट्रो परियोजना भी हावड़ा और कोलकाता को जोड़ेगा. यह भी पढ़ें: कोलकाता में पहली बार पानी के अंदर दौड़ेगी मेट्रो, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शेयर किया VIDEO

पिछले साल अगस्त 2019 में रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन की झलक दी और इसे "उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का उदाहरण" कहा.

देखें वीडियो:

ट्रेन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

  • कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो लाइन 16.6 किमी लंबी है और साल 2035 तक प्रति दिन 10 लाख यात्रियों के यात्रा करने की उम्मीद है.
  • अप्रैल 2017 में अंडर वॉटर मेट्रो लाइन का निर्माण शुरू हो गया था. सुरंग की बोरिंग के लिए मशीनें जर्मनी से लाई गई थीं.
  • 16.6 किमी में से 5.8 किमी में एक एलिवेटेड कॉरिडोर है और 10.8 किमी ये ट्रेन अंडरग्राउंड चलेगी. नदी के नीचे 520 मीटर नीचे के ट्विन टनल बनाया गया, जो अंडरग्राउंड का हिस्सा है.
  • मेट्रो ट्रेन 80 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी, इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 8,996.96 करोड़ रुपये है.
  • लोग 460 मीटर चौड़ी हुगली नदी के अंदर लगभग आधा किलोमीटर तक पानी की सतह के नीचे यात्रा करेंगे.

अगस्त महीने में टनल की खुदाई के दौरान ब्लास्ट होने के कारण कोलकाता मेट्रो निर्माण कार्य बाधित हो गया था. दुनिया की बेहतरीन तकनीक का उपयोग करके बनाई गई सुरंग साल 2021 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी, हालांकि 2009 में परियोजना की नींव रखे जाने के बाद से यह चर्चा में है.