नई दिल्ली:- विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में शुरू हुआ किसान आंदोलन और अभी भी पंजाब में काफी हद तक सक्रिय है. इस आंदोलन के कारण 19 नवंबर तक उत्तरी रेलवे को 891 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसके कारण भारतीय रेलवे को कमाई के मामले में भी 2220 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है. आईएएनएस को मिली जानकारी के अनुसार, राजस्व हानि वास्तव में 24 सितंबर से प्रभावी होने के साथ 55 दिनों में ही 825 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो यात्री ट्रेनों को रद्द करने के कारण और भी बढ़ गई है. केंद्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी विरोध के कारण रेलवे को यात्री राजस्व में 67 करोड़ रुपये सहित कुल 2,220 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए थे. उत्तरी रेलवे को मालगाड़ियों में लदान नहीं होने के कारण प्रतिदिन 14.85 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है.
आंदोलन के कारण माल ढुलाई व्यापक रूप से प्रभावित हुई है. पंजाब में रोजाना करीब 30 रैक माल आता है और करीब 40 रैक माल बाहर जाता है. आंदोलन के कारण परिवहन प्रभावित हुआ और रेलवे को नुकसान उठाना पड़ा.
आंदोलन के कारण मालगाड़ियों के 3850 रैक पर लदान नहीं हो सकी. आंदोलन के कारण पंजाब के बाहर 230 रैक फंसे रहे। इनमें से 78 रैक कोयला, 34 रैक खाद, आठ रैक सीमेंट, आठ रैक पेट्रोलियम पदार्थो तथा 102 रैक कंटेनर, स्टील एवं अन्य सामग्री के हैं. इसके साथ ही आंदोलन के मद्देनजर, 2352 यात्री ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग परिवर्तन करना पड़ा.