भारतीय नौसेना ने शनिवार को विध्वंसक जहाज आईएनएस इंफाल (INS Imphal) को समुद्र में उतार दिया है. भारतीय नौसेना ने आईएनएस इंफाल (INS Imphal) को मुंबई के मंझगांव डॉक्स से पानी में उतारा. इस युद्धपोत का वजन फिलहाल 3,037 टन है, लेकिन आने वाले दिनों में इस पोत को अत्याधुनिक हथियारों और ताकतवर ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइलों से लैस किया जाएगा. तब इसका वजन 7,300 टन तक पहुंच जाएगा. रडार को चकमा देकर दुश्मन पर हमला करने की ताकत वाला ये जहाज गाइडेड मिसाइलों को ध्वस्त करने में भी माहिर है.
आईएनएस इंफाल की खास बात यह है कि इसे भारत में ही डिजाइन करके बनाया गया है. इस युद्धपोत के आने से भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा हो गया है. आईएनएस इंफाल प्रॉजेक्ट 15 बी (Project 15B) के तहत बना तीसरा युद्धपोत है. इससे पहले प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बने दो युद्धपोत 2015 और 2016 में आए थे. ये विशाखापत्तनम और मोरमुगाओ बंदरगाह पर समुद्र में उतारे गए थे.
2021 में इन तीनों युद्धपोतों को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा. बता दें कि भारतीय नौसेना के पास फिलहाल 140 युद्धपोत, 220 एयरक्राफ्ट हैं और 32 युद्धपोतों का अभी निर्माण चल रहा है.
#WATCH Reena Lanba, wife of Chief of Naval Staff Admiral Sunil Lanba and President of Navy Wives Welfare Association (NWWA), launched the third ship of Project 15B, Guided Missile Destroyer Imphal, in Mumbai yesterday. #Maharashtra pic.twitter.com/p09Dp4s0w3
— ANI (@ANI) April 21, 2019
आईएनएस इंफाल की खूबियां
आईएनएस इंफाल की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17.4 मीटर है. चार गैस टरबाइन से चलने वाला यह पोत 30 नॉट की गति से आगे बढ़ सकता है. इसके अलावा एक साथ इस पर दो हेलिकॉप्टरों को तैनाती हो सकती है. इसके अलावा यह न सिर्फ गाइडेड मिसाइलों को ध्वस्त कर सकता है बल्कि उन्हें चकमा भी दे सकता है. आईएनएस इंफाल दुनिया के दूसरे देशों में निर्मित अपनी श्रेणी के युद्धपोतों को हर मामले में टक्कर देने में सक्षम है.
इस मौके नौसेना प्रमुख एडमिरल लांबा भी मौजूद थे. उन्होंने मझगांव डॉक लिमिटेड, नौसेना, डीआरडीओ, आयुध निर्माणियों और रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों की सराहना की और कहा कि ये देश की समुद्री सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने में अहम योगदान दे रहे हैं. ये आईएनएस विध्वंसक साइज और विनाश करने के मामले में एयरक्राफ्ट कैरियर्स के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. नौसेना के अनुसार, जिन विध्वंसक हथियारों या युद्धपोतों का निर्माण देश में किया जाता है, परंपरा के मुताबिक, उनका नाम या तो राज्य की राजधानी या फिर बड़े शहर के नाम पर रखा जाता है.