Sambhav Smart Phone: आर्मी को मिली 'संभव' की शक्ति, चीन से बातचीत में इस्तेमाल हुआ यह खास स्मार्टफोन
Sambhav Smart Phone | ANI

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने अपने संचार को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए 'संभव' स्मार्टफोन का उपयोग शुरू कर दिया है. यह स्मार्टफोन पहली बार अक्टूबर 2024 में चीन के साथ सीमा वार्ता के दौरान इस्तेमाल किया गया था. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी वार्षिक प्रेस वार्ता में इस बात की पुष्टि की. इस स्मार्टफोन को सेना के अधिकारियों के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है, जिससे महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी साझा की जा सके.

'संभव' स्मार्टफोन की खासियतें

'संभव' स्मार्टफोन एक पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड (Encrypted) मोबाइल प्रणाली पर आधारित है, जो किसी भी डेटा लीक की संभावना को खत्म करता है. 'संभव' स्मार्टफोन आधुनिक 5G तकनीक पर काम करता है, जिससे तेज़ और सुरक्षित संचार संभव हो सका है.

इस फोन में सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों के नंबर पहले से फीड किए गए हैं, जिससे संपर्क करना आसान और तेज हो जाता है. अधिकारियों को नंबर सेव करने की जरूरत नहीं पड़ती.

विशेष एप्लिकेशन - M-Sigma:

इस फोन में 'M-Sigma' नामक एक एप्लिकेशन दिया गया है, जो व्हाट्सऐप के समान है. इसके जरिए सेना के अधिकारी दस्तावेज़, तस्वीरें, वीडियो और अन्य महत्वपूर्ण डेटा को सुरक्षित रूप से साझा कर सकते हैं.

नेटवर्क सुविधा

यह स्मार्टफोन देश के दो बड़े नेटवर्क प्रदाताओं एयरटेल और जियो पर काम करता है, जिससे इसे दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

भारतीय सेना ने इस स्मार्टफोन को इसलिए विकसित किया है ताकि गोपनीयता बनी रहे. सेना के अधिकारी पहले व्हाट्सऐप जैसे सामान्य एप्लिकेशन का उपयोग करते थे, जिसके कारण जानकारी के लीक होने की घटनाएं होती थीं. 'संभव' स्मार्टफोन इन समस्याओं को खत्म करेगा.

स्वदेशी तकनीक का उपयोग

यह स्मार्टफोन पूरी तरह से भारत में विकसित किया गया है, जिससे यह आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती प्रदान करता है. चीन के साथ सीमा वार्ता जैसे संवेदनशील मौकों पर इसे उपयोग में लाकर सेना ने अपनी संचार प्रणाली को और अधिक सुरक्षित बनाया है.

सेना के लिए बड़ा कदम

रक्षा सूत्रों के अनुसार, अब तक 30,000 'संभव' स्मार्टफोन सेना के अधिकारियों को दिए जा चुके हैं. यह परियोजना 2023 में शुरू की गई थी और इसे सेना के लिए एक "एंड-टू-एंड सुरक्षित मोबाइल पारिस्थितिकी तंत्र" के रूप में देखा जा रहा है.

सेना के अधिकारियों द्वारा साझा की जाने वाली गोपनीय जानकारी अब पूरी तरह से सुरक्षित है. तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी से महत्वपूर्ण फैसले जल्दी और प्रभावी तरीके से लिए जा सकते हैं. इस तकनीक के उपयोग से सार्वजनिक डोमेन में जानकारी लीक होने की घटनाएं रोकी जा सकेंगी.